पूर्वी भारत के लिए नवंबर संक्रमण काल है जब मॉनसून पूरी तरह से देश से विदा ले चुका होता है और सर्दियाँ अपनी उपस्थिति महसूस करानी शुरू कर देती है। बीते दिनों से बिहार और झारखंड में मौसम पूरी तरह से शुष्क बना हुआ है, जबकि पूर्वी उत्तर प्रदेश में कभी-कभी हल्की बारिश देखने को मिली है।
स्काईमेट वेदर के पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, नवंबर में पूर्वी उत्तर प्रदेश में सामान्य से 71% कम बारिश हुई। इस बीच, बारिश कि अनुपस्थिति के कारण, बिहार और झारखंड में सामान्य से 100% कम वर्षा दर्ज की गई।
दिसंबर के पहले सात दिनों में भी मौसम शुष्क बना रहा। हालांकि, पिछले दो दिनों से मौसम वैज्ञानिक बारिश के संकेत दे रहे हैं। यह इस क्षेत्र में सर्दियों की पहली बारिश होगी।
एक सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ 10 दिसंबर के आसपास पश्चिमी हिमालय तक पहुंच जाएगा। इसके प्रभाव से पंजाब और हरियाणा के ऊपर हवाओं का एक चक्रवात देखा जाएगा। साथ ही, पंजाब से बिहार तक एक ट्रफ रेखा भी देखने को मिलेगी।
इन मौसमी प्रणालियों के चलते, 11 दिसंबर को उत्तर पश्चिम भारत से पूर्वी भारत के मैदानी इलाकों में बारिश शुरू हो जाएगी। बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में 12 दिसंबर को बारिश की संभावना है। 13 दिसंबर को वर्षा की तीव्रता और प्रसार में वृद्धि हो सकती है, जहां मध्यम बारिश होने की संभावना है। बिहार और झारखंड तथा उससे सटे पूर्वी उत्तर प्रदेश में ओलावृष्टि की भी संभावना है।
उपरोक्त मौसम प्रणालियों को मद्देनजर रखते हुए, हवा की दिशा में बदलाव देखा जाएगा जो की पूर्वी दिशा से बहने लगेंगी। इस कारण, न्यूनतम तापमान में वृद्धि दर्ज की जाएगी। आसमान में बादल छाए रहेंगे और दिन के समय तेज़ हवाएँ देखने को मिल सकती है। बढ़ी हुई आर्द्रता के कारण, दिन के तापमान में गिरावट देखने को मिलेगी, जिससे मौसम ठंडा बना रहेगा।
14 दिसंबर तक, मौसम प्रणाली दूर हो जाएगी, हालांकि, हल्की बारिश और बादल छाए रहेंगे। 15 दिसंबर तक बारिश पूरी तरह से बंद हो जाएगी।
बारिश रुकने के बाद, न्यूनतम तापमान में भारी गिरावट देखने को मिलेगी जो कि 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे गिर सकते हैं। इस क्षेत्र में मध्यम से घने कोहरे के साथ शीत लहर की स्थिति देखने को मिलेगी।
Image Credit: Times of India
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