बिहार में बिहार में बारिश बीते 2-3 दिनों से कम होने के बाद भी बाढ़ की विभीषिका से कई जिलों में सामान्य जन-जीवन व्यापक रूप में प्रभावित हुआ है। अब तक भीषण बाढ़ की चपेट में तकरीबन 65 लाख से अधिक लोग आ चुके हैं। नेपाल में हुई भारी वर्षा का भी पानी नदियों के रास्ते बिहार पहुँच रहा है जिससे कई नदियां रौद्र रूप धरण कर चुकी हैं। बिहार के 13 जिले बाढ़ की चपेट में हैं। प्रभावित जिलों में रेल व सड़क सम्पर्क सेवा बाधित हो गई है। मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक बाढ़ के चलते अब तक सूबे में बिहार में 74 लोगों की मौत हुई है। हालांकि आपदा प्रबंधन विभाग मरने वालों की संख्या 56 बताई है।
बाढ़ की गंभीरता को इस बात से समझा जा सकता है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लगातार दो दिन बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। उन्होंने पूर्णिया, अररिया, कटिहार और किशनगंज जिले का हवाई सर्वेक्षण किया। मुख्यमंत्री ने आपदा प्रबंधन, सड़क निर्माण और ग्रामीण कार्य विभाग के प्रधान सचिवों बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जाकर वहाँ की यथास्थिति का आंकलन करने के निर्देश दिए हैं। बाढ़ के चलते कई रेलमार्ग क्षति ग्रस्त हुए हैं जिससे पूर्व मध्य रेलवे ने डिब्रूगढ़, महानंदा, ब्रह्मपुत्र मेल, पूर्वोत्तर संपर्क क्रांति सहित 42 ट्रेनों को रद्द कर दिया है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि अचानक आई बाढ़ से भारी नुकसान हुआ है। महानंदा और कनकई नदियां उफान पर हैं। अनेक गांव जलमग्न हो गए हैं। सड़के टूट गई और पुलों को भी नुकसान पहुंचा है। राहत और बचाव कार्य युद्ध स्तर पर चलाए जा रहे हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को राहत पहुँचने के कर्म वायुसेना के हेलीकॉप्टर लगाए गए हैं, जिससे खाने के पैकेट गिराए जा रहे हैं। बिहार पर गरज और वर्षा वाले बादलों की ताज़ा स्थिति जानने के लिए नीचे दिए गए चित्र पर क्लिक करें।
हाल की बाढ़ से बिहार के किशनगंज, अररिया, कटिहार, शिवहर, सुपौल, मधेपुरा के कुछे इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। एनडीआरएफ की 22 टीमें को किशनगंज, पूर्णिया, अररिया, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, पूर्वी व पश्चिमी चम्पारण, कटिहार में लगाया गया है। इसके अलावा पूर्णिया, अररिया, किशनगंज, कटिहार, पश्चिम चंपारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, मधेपुरा, शिवहर व मुजफ्फरपुर में एसडीआरएफ की 15 टीमों को भी तैनात किया गया है। किशनगंज व पूर्णिया के बाद चम्पारण व दरभंगा में भी सेना भेजने की तैयारी है।
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प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक ट्वीट में बाढ़ के हालात से निपटने में बिहार सरकार को पूरी मदद का आश्वासन दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से राज्य में बाढ़ के हालात पर चर्चा की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हालात पर नजदीकी से नजर रखी जा रही है।
बारिश का पूर्वानुमान
स्काइमेट के मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार मॉनसून की अक्षीय रेखा इस समय हिमालय के तराई क्षेत्रों से नीचे आई गई है जिसके चलते बिहार में पहले से ही बारिश कम हो गई है। इस बीच ओड़ीशा पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र विकसित हो सकता है, जिसके प्रभाव से मॉनसून की अक्षीय रेखा और कमजोर होगी तथा दक्षिण की तरफ आएगी। इस समय मॉनसून ट्रफ पटना होकर गुजर रही है।
इस मौसमी परिदृश्य के बीच पटना, गया और भागलपुर सहित कुछ इलाकों में अगले 2-3 दिनों तक हल्की से मध्यम वर्षा संभव है। राज्य के अधिकांश हिस्सों में 19 अगस्त से बारिश में व्यापक कमी आएगी जिससे राहत और बचाव कार्यों में आसानी होगी। हालांकि नेपाल से होकर बिहार पहुँचने वाली नदियों में पानी का प्रवाह लगातार बना हुआ है जिससे किशनगंज, अररिया, कटिहार, शिवहर, सुपौल, मधेपुरा में बाढ़ का संकट अभी भी बना हुआ है।
Image credit: Hindustan Times
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