बिहार के लोगों को बाढ़ की पीड़ा से अब तक नहीं मिली है राहत। बीते दिनों से राज्य में बारिश की गतिविधियां कम हुई हैं लेकिन नेपाल में हुई भारी वर्षा के चलते बाढ़ का पानी अभी भी संकट का सैलाब बना हुआ है। इस बीच राज्य की राहत एजेंसियों ने लगभग 1 करोड़ 26 लाख लोगों के हाल की बाढ़ से प्रभावित होने का अनुमान लगाया है। राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है। इस बीच राज्य में मॉनसून का उग्र रूप नहीं दिखेगा, लेकिन कुछ स्थानों पर वर्षा जारी रहने की संभावना है।
मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार बिहार के 18 जिलों में बाढ़ से करीब 1 करोड़ 27 लाख लोग प्रभावित हैं। राज्य में 1358 राहत शिविर लगाए गए हैं जिनमें राज्य के विभिन्न भागों से 4 लाख 21 हज़ार लोगों को सुरक्षित पहुंचाया गया है। राज्य में अब तक 253 लोगों की मौत हो चुकी है। प्रभावित इलाकों में राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है। बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने का काम ज़ोरों पर है।
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बाढ़ की मार सबसे उत्तर और पूर्वी जिलों पर देखने को मिल रही है, जिनमें अररिया, पुर्णिया, किशनगंज और सुपौल शामिल हैं। अररिया में सबसे अधिक लगभग 60 लोगों के मौत की खबर है। सीतामढ़ी, पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, कटिहार, मधुबनी, सुपौल और मधेपुरा भी बाढ़ के संकट का सामना कर रहे हैं।बीते दिनों की भारी वर्षा के चलते तेज बारिश के कारण बिहार में प्रमुख नदियों - कोशी, महानंद, गंडक, बागमती और गंगा के आसपास इलाकों में सबसे ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। बिहार पर गरज और वर्षा वाले स्थानों की ताज़ा स्थिति जानने के लिए नीचे दिए गए चित्र पर क्लिक करें।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार बिहार पर इस समय कोई मौसमी सिस्टम नहीं है लेकिन दक्षिण-पूर्वी आर्द्र हवाएँ लगातार चल रही हैं जिससे अगले कुछ दिनों तक हल्की से मध्यम बारिश जारी रहने की संभावना है। इस दौरान पटना, गया, भागलपुर, किशनगंज, अररिया, सुपौल, पुर्णिया, कटिहार, मधुबनी सहित अन्य हिस्सों में कई जगह हल्की तो कुछ स्थानों पर मध्यम वर्षा हो सकती है। बिहार की इस बारिश से राज्य की बाढ़ में इजाफ़ा नहीं होगा लेकिन नेपाल के उत्तरी भागों में अगले कुछ दिनों के दौरान भारी वर्षा के आसार हैं, जिससे संकट अभी खत्म नहीं होगा।
Image credit: Newswing
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