उत्तर बिहार में जलप्रलय का कहर जारी है। नदियों में उफान से बाढ़ की समस्या बढ़ती जा रही है। हालांकि, पिछले 24-48 घंटों के दौरान, राज्य में बारिश की गतिविधियों में सामान्य से मामूली गिरावट दर्ज की गई है। लेकिन, इसके बावजूद बाढ़ प्रभावित हिस्सों में लोगों की परेशानी बनी हुई है। इस बीच थोड़ी ख़ुशी की बात यह है कि, बारिश बंद होने की वजह से राहत और बचाव कार्य में जुटे लोगों को मदद करने में सुविधा हो रही है।
बारिश कम होने के पीछे यह हैं कारण
इस समय, बिहार और उससे सटे आसपास के तराई वाले क्षेत्रों में कोई भी महत्वपूर्ण मौसम प्रणाली नहीं बनी हुई है। एक ट्रफ रेखा जो कि बिहार के तराई वाले भागों से होते हुए असम के भागों पर बना हुआ है वह अब दक्षिणी दिशा में आगे बढ़ रहा है।
बिहार में आगे कैसा रहेगा मौसम
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, बिहार में अगले 2-3 दिनों तक वर्षा की उम्मीद बहुत ही कम है। इस दौरान, नेपाल में भी बारिश की गतिविधियां लगभग बंद ही रहेगी। हालांकि, बिहार के उत्तर-पूर्वी भागों में एक-दो स्थानों पर बारिश देखी जा सकती है। इसके पश्चात् 22 जुलाई के करीब एक बार फिर बिहार के उत्तरी भागों में अच्छी बारिश की संभावना है।
50 से अधिक लोगों की मौत, 26 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित
बाढ़ त्रासदी में अब तक बिहार के 50 से अधिक लोगों की मौत की खबर है और मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। बिहार के 12 जिले में 79 प्रखंडों के 571 पंचायत बाढ़ग्रस्त हैं जबकि बाढ़ से 26 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हैं।
स्काइमेट लगातार मौसम पूर्वानुमान के जरिये राज्य प्रशासन के साथ स्थानीय लोगों को बाढ़ की चेतावनी जारी कर रहा है। साथ ही, बाढ़ प्रभावित हिस्से में रह रहे लोगों को एहतियाती सावधानी बरतने की सलाह देता है।
Image credit:Hindustan Times
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