मॉनसून की अक्षीय देखा जल्द ही बिहार के तराई क्षेत्र में फिर से पहुंचेगी। इसके चलते चंपारण से लेकर किशनगंज तक यानि बिहार के तराई क्षेत्रों में मूसलाधार वर्षा के लिए स्थितियां फिर से अनुकूल बन जाएंगी। स्काइमेट का आकलन है कि 27 से 30 जुलाई के बीच बिहार के उत्तरी भागों में पश्चिमी और पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, मधेपुरा, मधुबनी, दरभंगा, पूर्णिया, सुपौल और भागलपुर समेत आसपास के तमाम जिलों में भारी वर्षा दर्ज की जाएगी। इस दौरान बिहार के अन्य इलाकों में यानि पटना, गया, नवादा, जमुई, बांका, सिवान समेत आसपास के हिस्सों में मुख्यतः हल्की से मध्यम बारिश होगी। तेज वर्षा के आसार एक-दो स्थानों पर ही रहेंगे।
English Version: Flood situation in Bihar may turn worse, heavy rains likely in the coming days
बिहार में मॉनसून के आगमन के बाद से कई बार इसका उग्र प्रदर्शन देखने को मिला है, जिससे बिहार के लोगों को बाढ़ का संकट झेलना पड़ रहा है और ज़िले पानी-पानी हैं। इस बीच 25 और 26 जुलाई को फिलहाल मूसलाधार वर्षा बिहार में नहीं होगी लेकिन बीते दिनों में हुई भारी बारिश का पानी नदियों के रास्ते उत्तरी बिहार के कई इलाकों में लगातार आता रहेगा जिससे स्थितियाँ चिंताजनक बनी रहेंगी।
27 जुलाई से जब मॉनसून की अक्षीय रेखा उत्तरी क्षेत्र में पहुंचेगी, वर्षा की गतिविधियां बिहार के कई इलाकों में बढ़ जाएंगी। 27 से 30 जुलाई के बीच भारी वर्षा और हिमालय के तराई क्षेत्रों से नदियों के रास्ते आने वाला पानी बिहार में बाढ़ के संकट को और गहरा कर देगा। नेपाल में हो रही भारी बारिश का असर भी बिहार के उत्तरी जिलों में देखने को मिलेगा और स्थितियां बदतर हो जाएंगी। मौसम की वर्तमान स्थिति को देखते हुए इस बात की पूरी संभावना और आशंका है कि जुलाई का आखिरी वक्त न सिर्फ बिहार के लोगों के लिए बल्कि बिहार में काम कर रही राष्ट्रीय आपदा राहत बल और बिहार राज्य आपदा राहत बल की टीमों के लिए उत्तरी हिस्सों में स्थितियाँ काफी चुनौतीपूर्ण बन जाएंगी।
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आगामी दिनों में उत्तरी बिहार में न सिर्फ मूसलाधार वर्षा की आशंका है बल्कि भारी बारिश के साथ-साथ वज्रपात की घटनाएं भी हो सकती हैं, जिसके चलते कई जिलों में जान और माल पर संकट के बादल मंडरा सकते हैं। बिहार में वज्रपात की घटनाओं में अब तक 100 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है और बड़े पैमाने पर संपत्तियों का भी नुकसान हुआ है। बिहार में संभावित बारिश के खतरे को गंभीरता से लेते हुए स्काइमेट ने नारंगी चेतावनी जारी की है जिससे पहले से ही पर्याप्त तैयारियां की जा सकें और लोगों के जान तथा माल की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
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