पूर्वी भारत के राज्यों बिहार और झारखंड में अब तक प्री-मॉनसून सीज़न में बारिश का संतुलन अलग रहा है। एक तरफ जहां झारखंड में 1 मार्च से 27 मई तक सामान्य से 47 प्रतिशत अधिक 103 मिमी बारिश दर्ज की गयी है। वहीं बिहार में सामान्य से 16 प्रतिशत कम 56 मिमी वर्षा दर्ज की गयी है। बिहार के पूर्वी भागों में अपेक्षाकृत अधिक बारिश हुई है जबकि पटना गया सहित पश्चिमी शहरों में कम वर्षा देखने को मिली है।
बिहार और झारखंड में अगले दो-तीन तक मौसम मुख्यतः शुष्क रहेगा। उसके बाद 30 मई से मौसम बदलेगा और दोनों राज्यों में कुछ स्थानों पर बारिश देखने को मिलेगी। फिलहाल बीते 2-3 दिनों से मौसम शुष्क बना हुआ है जिसके कारण दिन और रात का तापमान बढ़ते हुए सामान्य से ऊपर पहुँच गया है।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, अगले 2 दिनों तक बिहार और झारखंड में कोई विशेष मौसमी गतिविधि दिखने की संभावना कम है। इसके बाद उत्तर प्रदेश से बिहार होते हुए पश्चिम बंगाल तक बनी हुई एक ट्रफ रेखा बनने के आसार हैं। इसके कारण बिहार के पूर्वी भागों में छिटपुट बारिश होने की उम्मीद है। इस दौरान झारखंड के उत्तर-पूर्वी शहरों में भी बारिश की हल्की गतिविधियां होने के आसार हैं।
30 मई से बिहार के भागलपुर, किशनगंज, कटिहार, सुपौल, बांका, मधेपुरा और सहरसा तथा झारखंड के साहिबगंज, दुमका, गोड्डा और पाकुर में छिटपुट बारिश के आसार हैं। गरज और बारिश की यह गतिविधियां जून के पहले हफ्ते तक रुक-रुककर होती रहेंगी। जिसके कारण तापमान में कमी होने की उम्मीद है।
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इसके अलावा प्री-मॉनसूनी सीज़न के दौरान, काल बैसाखी या नॉर्वेस्टर की गतिविधियां आम हैं। लेकिन इस साल प्री-मॉनसूनी बारिश की कमी के कारण यह गतिविधियां कम होंगी।
बात मॉनसून की करें तो बिहार और झारखंड में मॉनसून का आगमन 15 जून के आसपास होता है। लेकिन इस बार अब तक मॉनसूनी हवाओं की रफ़्तार धीमी हैं जिससे इन दोनों राज्यों में भी मॉनसून देरी से पहुंचेगा।
Image Credit: Hindustan Times
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