सौराष्ट्र के भागों पर समुद्र तल से 5.2 किमी ऊपर एक चक्रवाती चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र विकसित है। इस सिस्टम के प्रभाव के कारण, गुजरात के कई हिस्सों में अच्छी बारिश रिकॉर्ड हुई है। महज 24 घंटे के अंतराल में कच्छ के भुज में 101 मिलीमीटर की भारी बारिश दर्ज की गई है।
पिछले आंकड़ों पर एक नज़र
आपको बता दें कि, साल 2011 के बाद से इतने कम समय में इतनी अधिक 28 अगस्त 2019 को दर्ज हुई है। मतलब, 8 साल बाद ऐसा हुआ है जब महज 24 घंटों में इतनी भारी रिकॉर्ड हुई है। आंकड़ों के मुताबिक, साल 2011 में 11 अगस्त को शहर में 150.3 मिमी वर्षा दर्ज की गई थी तथा अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड 12 अगस्त, 1979 को 241.4 मिमी बारिश का है।
भुज के अलावा वडोदरा में भारी बारिश देखी गई। शहर में पिछले दो तीन दिनों से गरज-चमक के साथ भारी बारिश देखी जा रही है और आगे भी इस मौसम प्रणाली के बने रहने के कारण अगले 24 घंटों तक शहर में और बारिश होने की संभावना है।
राज्य के कई अन्य हिस्सों खासकर राजकोट, पोरबंदर, वेरावल, अहमदाबाद के हिस्सों में भी गरज के साथ हल्की से मध्यम बारिश देखी गई।
मौसम विशेषज्ञ का अनुमान
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र कुछ और समय तक बना रहेगा जिसके कारण गुजरात के कच्छ के हिस्सों में विशेष रूप से भुज और नलिया में अच्छी तीव्रता के साथ बारिश जारी रहेंगी। हालांकि, राज्य के अन्य हिस्सों जैसे वडोदरा और उससे सटे आसपास के क्षेत्रों में भी अगले 24 घंटे के दौरान हल्की से मध्यम बारिश के साथ एक-दो स्थानों पर मध्यम बारिश कि संभावना है।
कल यानि 30 अगस्त तक, मौसम की गतिविधियाँ और भी कम हो जाएंगी लेकिन, उस दौरान भी रुक-रुक कर बारिश जारी रहेगी।
सितंबर में भी जारी रहेगी अच्छी वर्षा
बंगाल की खाड़ी के ऊपर बने निम्न दवाब क्षेत्र के कारण 4 या 5 सितंबर के आसपास फिर से भारी बारिश की संभावना है। यह प्रणाली पश्चिमी दिशा में आगे बढ़ेगा, जिससे राज्य में और अधिक बारिश की उम्मीद है।
अच्छी बारिश होने के साथ ही मानसून का मौसम गुजरात के लिए अच्छा होता दिख रहा है और हम उम्मीद करते हैं कि सितंबर के महीने में अधिक बारिश देखी जा सकती है।
Image credit: DNA India
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