मध्य प्रदेश में मॉनसून के आगमन के बाद यह दूसरा मौका है जब राज्य के अधिकतर हिस्सों में भीषण वर्षा होने के आसार बन गए हैं। इससे पहले उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्सों पर बना निम्न दबाव मध्य प्रदेश के पूर्व से पश्चिम तक लगभग सभी भागों में अच्छी बारिश देकर गुजरात पहुंचा। हालांकि ग्वालियर सहित उत्तरी भागों में पिछले सिस्टम का लाभ लोगों को नहीं मिल पाया।
मध्य प्रदेश जुलाई के पहले सप्ताह तक बारिश के मामले में पीछे चल रहा था लेकिन 11 से 14 जुलाई के बीच अधिकांश स्थानों पर हुई मूसलाधार वर्षा के चलते बारिश का आंकड़ा सामान्य के पास पहुँच गया है। राज्य में 1 जून से 18 जुलाई तक 288.6 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई है, जो सामान्य से 1 प्रतिशत कम है। आने वाले संभावित मॉनसूनी बारिश के दौर के बाद आंकड़े सामान्य से ऊपर पहुँच सकते हैं।
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इस बीच बंगाल की खाड़ी में बना डिप्रेशन उत्तर और पश्चिमी दिशा में आगे बढ़ रहा है। इस समय दक्षिण छत्तीसाढ़ और इससे सटे भागों पर है। यह सिस्टम छत्तीसगढ़ को व्यापक रूप में बारिश देने के बाद मध्य प्रदेश का रुख करेगा जिसके चलते राज्य में फिर से मॉनसून का व्यापक प्रभाव देखने को मिलेगा। मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में झमाझम मॉनसून वर्षा आफत बन सकती है। कहीं-कहीं बाढ़ जैसे हालात भी पैदा होने की आशंका है।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार अगले 24 घंटों के दौरान भोपाल, इंदौर, उज्जैन, जबलपुर, सतना, छतरपुर, छिंदवाड़ा, दामोह, देवास, गुना, खरगौन, खंडवा, सागर, बालाघाट, बेतुल, शहडोल और विदिशा के अधिकांश स्थानों में हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है। कुछ भागों में मूसलधार वर्षा के भी आसार हैं।
मॉनसून की सक्रियता मांडला, उमरिया बुरहानपुर, कटनी, होशंगाबाद, हरदा, डिंडोरी, पूर्वी निमार, अनूपपुर, अशोकनगर, नरसिंहपुर, रायसेन, राजगढ़, सिवनी, शाजापुर और सीधी में भी देखने को मिलेगी। इन जिलों में भी मध्यम से भारी बारिश होने की संभावना है।
मध्य प्रदेश के अधिकांश भागों में मौसम अगले 24 से 48 घंटों तक सक्रिय रहेगा। इंदौर और उज्जैन सहित पश्चिमी जिलों में बारिश की गतिविधियां शुरुआती समय में कम हो सकती हैं। लेकिन जैसे ही पूर्वी मध्य प्रदेश के करीब पहुँच रहा डिप्रेशन मध्य प्रदेश में आगे बढ़ेगा राज्य के पश्चिमी इलाके भी मॉनसून के रडार पर होंगे और भारी बारिश देखने को मिलेगी।
Image credit: Patrika News
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