दक्षिण-पश्चिमी मानसून 2019 के आगमन के साथ ही देश के दक्षिणी भागों में प्री-मॉनसूनी गतिविधियों ने रफ्तार पकड़ ली है। बीते 2 दिनों में दक्षिणी आंतरिक कर्नाटक और इससे सटे हुए इलाकों मुख्यतः बंगलुरु में अच्छी बारिश देखने को मिली है।
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, वर्तमान में रॉयलसीमा से आंतरिक तमिलनाडु और दक्षिणी आंतरिक कर्नाटक होते हुए कोमोरिन क्षेत्र तक एक ट्रफ रेखा फैली हुई है।इसके अलावा केरल और उससे सटे हुए इलाकों पर चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र भी बना हुआ है।
इन दोनों मौसमी सिस्टमों के बने रहने के कारण, दक्षिणी आंतरिक कर्नाटक में आने वाले 2-3 दिनों में मध्यम बारिश के साथ एक-दो स्थानों पर भारी बारिश भी हो सकती है। इसके अलावा बंगलुरु, हस्सान, कोडागु, मांड्या और मैसूर में इस दौरान अच्छी बारिश होने के आसार हैं।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, मॉनसून के नज़दीक होने के साथ ही केरल में अगले कुछ दिनों तक बारिश की गतिविधियां बढ़ने के आसार हैं। इस दौरान यहां हल्की से मध्यम छिटपुट बारिश हो सकती है। इसके अलावा तापमान गिरने के साथ ही मौसम सुहावना बना रहेगा।
यह प्री-मॉनसूनी गतिविधियां जून के पहले हफ्ते की शुरुआत के साथ मॉनसूनी बारिश में बदल जाएगी। सामान्यतः मॉनसून का आगमन 1 जून को होता है। लेकिन इस साल स्काइमेट का पूर्वानुमान है कि मॉनसून सीज़न की शुरुआत 04 जून (+/- 2 दिन) से हो सकती है।
इस साल प्री-मॉनसून सीज़न के दौरान सामान्य से कम बारिश दर्ज की गयी है। वर्तमान में केरल और कर्नाटक में बारिश की कमी दर्ज की गयी है। केरल में बारिश सामान्य से 53 प्रतिशत कम वहीं उत्तरी आंतरिक कर्नाटक में सामान्य से 41 प्रतिशत की कमी दर्ज की गयी है। जबकि दक्षिणी आंतरिक कर्नाटक में रुक-रुककर बारिश होती रही है, जिसके कारण यहां बारिश में 23 प्रतिशत की कमी दर्ज की गयी है।
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केरल में वैसे तो मई के महीने में प्री-मॉनसूनी गतिविधियां बढ़ जाती हैं लेकिन अब तक यहां कोई विशेष बारिश नहीं देखने को मिली हैं।
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