वर्ष 2020 के पहले महीने जनवरी में चार सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ आए जिससे पहाड़ों पर जबर्दस्त बर्फबारी दर्ज की गई। भारी बर्फबारी के कारण सामान्य जन जीवन प्रभावित हुआ है। जनवरी बीतने को है और अब अच्छी बारिश और बर्फबारी की उम्मीद फिलहाल नहीं है। जनवरी में अब तक की बारिश के आंकड़ों पर नज़र डालें तो 1 जनवरी से 30 जनवरी के बीच उत्तराखंड में सामान्य से 227% अधिक बारिश रिकॉर्ड की गई है। जम्मू कश्मीर में सामान्य से 63% ज़्यादा और हिमाचल प्रदेश में 51% अधिक वर्षा हुई है।
English version: Rain and snow in Jammu and Kashmir, Himachal, Uttarakhand, Ladakh to remain on the lower side
हाल ही में जो पश्चिमी विक्षोभ पहाड़ों के पास बना हुआ था उसने 26 जनवरी से 29 जनवरी के बीच अच्छी बारिश और बर्फबारी दी। फिलहाल यह सिस्टम पूर्वी भागों में आगे चला गया और अब पहाड़ों को प्रभावित नहीं करने वाला है। यानि पहाड़ों पर मुख्यतः मौसम शुष्क रहेगा लेकिन एक नया पश्चिमी विक्षोभ अगले 24 घंटों के दौरान कश्मीर और हिमाचल की ऊंची पहाड़ियों पर हल्की वर्षा दे सकता है। कल उत्तराखंड में हल्की वर्षा हो सकती है और कल से कश्मीर तथा लद्दाख के सभी क्षेत्रों में मौसम शुष्क हो जाएगा।
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मौसम विशेषज्ञों का विश्लेषण है कि एक अन्य पश्चिमी विक्षोभ 3 फरवरी के आसपास उत्तर भारत में आएगा। लेकिन यह सिस्टम जनवरी में आने वाले सिस्टमों जितना सक्रिय नहीं रहेगा जिससे बहुत ज़्यादा गतिविधियां यह नहीं देने वाला। इसके प्रभाव से जम्मू कश्मीर, लद्दाख और हिमाचल में हल्की बारिश या बर्फबारी होगी तो उत्तराखंड में मौसम शुष्क बना रहेगा।
आगामी दोनों पश्चिमी विक्षोभों का असर मैदानी इलाकों में पंजाब से लेकर हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में नहीं दिखेगा। हमारा अनुमान है कि आने वाले दिनों में उत्तरी दिशा से ठंडी हवाएँ चलती रहेंगी जिससे मैदानी हिस्सों में तापमान में गिरावट का क्रम जारी रहेगा। हालांकि तेज़ धूप के चलते दिन में पारा ऊपर चढ़ेगा।
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