मॉनसून की अक्षीय रेखा के साथ मिलकर बंगाल की खाड़ी में बना चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र पश्चिम बंगाल, झारखंड और बिहार से शुरू करके उत्तर भारत तक वर्षा की गतिविधियां बढ़ाएगा।
बंगाल की खाड़ी में इस समय एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। मॉनसून की अक्षीय रेखा इस समय उत्तरी राजस्थान से मध्य प्रदेश, झारखंड तथा पश्चिम बंगाल होते हुये बंगाल की खाड़ी तक बनी हुई है। मॉनसून की अक्षीय रेखा का पश्चिमी सिरा अगले दो दिनों के दौरान धीरे-धीरे उत्तर का रूख करेगा। जो इस समय दिल्ली के दक्षिण से होकर गुजर रहा है।
बंगाल की खाड़ी में बने चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र और उसमें मिलने वाली मॉनसून की अक्षीय रेखा के प्रभाव से पश्चिम बंगाल, उत्तरी ओड़ीशा तथा झारखंड में बारिश की गतिविधियां शुरू हो चुकी हैं। चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र कुछ और मजबूत होकर पश्चिम बंगाल तथा झारखंड की ओर बढ़ेगा, जिससे बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश सहित पूर्वी राज्यों में वर्षा की गतिविधियां 22 जुलाई की रात या 23 जुलाई की सुबह से और बढ़ जाएंगी।
23 जुलाई के आसपास जब मॉनसून की अक्षीय रेखा का पश्चिमी सिरा उत्तरवर्ती होकर दिल्ली को पार करेगी तब पंजाब, हरियाणा, दिल्ली तथा उत्तर प्रदेश के अधिकांश इलाकों में भी वर्षा की गतिविधियां बढ़ने की संभावना है। उत्तर प्रदेश सहित उत्तर भारत के भागों में इस समय छिटपुट जगहों पर ही बारिश हो रही है, अगले दो दिनों तक इन भागों में मौसम इसी तरह बना रहेगा, जिससे दिन गर्म और उमस भरा होगा। 23 से 25 जुलाई के बीच होने वाली बारिश की इस गतिविधि से तापमान नीचे आएगा और उमस तथा गर्मी से लोगों को राहत मिलेगी।
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