जनवरी की शुरुआत से ही जम्मू कश्मीर में छोटे-छोटे अंतराल के बाद मौसम की व्यापक सक्रियता देखने को मिल रही है और राज्य में रुक-रुक कर भारी बर्फबारी कई जगहों पर जारी है। कई इलाकों में भीषण हिमपात के चलते सामान्य जनजीवन ना सिर्फ पटरी से उतर गया है बल्कि सीमाओं की सुरक्षा में तैनात जवानों की ज़िंदगी दांव पर लग गई है। राज्य लगातार में हो रही बर्फबारी के चलते कई जगहों पर हिमस्खलन की घटनाएँ देखने को मिल रही हैं।
गुरेज़ सैक्टर में हुए हिमस्खलन के चलते एक मेजर सहित कई सैनिक मारे गए हैं। अब तक हिमस्खलन की चपेट में आने से 14 जवानों की मौत हो चुकी है। बृहस्पतिवार तक 10 शव निकाले गए थे जबकि 4 जवानों के शव शुक्रवार को मिले हैं। मारे गए सभी जवान 51वीं राष्ट्रीय राइफल में तैनात थे। बचाव दल प्रभावित क्षेत्र में राहत और बचाव के लिए सभी संभव उपाय कर रहा है लेकिन खराब मौसम इस अभियान में बाधा बन रहा है। हालांकि राहत की बात यह है कि वर्तमान पश्चिमी विक्षोभ पूर्वी दिशा में निकल रहा है जिससे जल्द ही मौसम साफ होने की संभावना है।
इसी तरह की घटना बीते वर्ष सियाचीन ग्लेशियर पर देखने को मिली थी जब भारी बर्फबारी के बाद हिमस्खलन की चपेट में आने से 10 जवानों की मौत हो गई थी। गौरतलब है कि बीते 3-4 दिनों से जारी भारी वर्षा और हिमपात के चलते जम्मू कश्मीर में हिमस्खलन की घटनाएँ हो रही हैं।
जम्मू कश्मीर के सोनमर्ग स्थित सेना के बेस कैंप पर भारी मात्रा में ऊपरी सी आई बर्फ के चलते कैंप में मौजूद सेना के जवान इसकी चपेट में आ गए। जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में संभावित बारिश और भारी बर्फबारी को देखते हुए स्काइमेट ने पहले ही कई जगहों पर हिमस्खलन की आशंका जताई थी। विशेष खतरा ऊंचाई वाले इलाकों में है। विपरीत मौसमी हालात में ऐसी प्रकृतिक आपदाएँ स्वाभावित हैं। आवश्यकता है ऐसी किसी भी संभावित जानलेवा मौसमी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से कमर कसने की ताकि कोई जवान लापरवाही का शिकार ना हो।
Image credit: newsx.com
कृपया ध्यान दें: स्काइमेट की वेबसाइट पर उपलब्ध किसी भी सूचना या लेख को प्रसारित या प्रकाशित करने पर साभार: skymetweather.com अवश्य लिखें।