मध्य प्रदेश में रविवार की सुबह की शुरुआत बारिश के साथ हुई। रविवार जुलाई का आखिरी दिन था जो मॉनसूनी बारिश के बीच विदा हुआ। मध्य भारत के करीब बने कई मौसमी सिस्टमों के चलते मध्य प्रदेश में मॉनसूनी हलचल बनी हुई है। विगत 24 घंटों के दौरान मध्य प्रदेश में अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा जारी रही। मध्य प्रदेश से सटे पश्चिमी उत्तर प्रदेश, गुजरात और मराठवाड़ा में भी मॉनसूनी वर्षा दर्ज की गई। राज्य में अगस्त का भी शुभारंभ अच्छी वर्षा के साथ हुआ है और आने वाले दिनों में भी मध्यम से भारी वर्षा के आसार हैं।
इन भागों में बारिश की गतिविधियां मध्य भारत के पास बने मौसमी सिस्टमों के साथ-साथ यहाँ से गुज़र रही मॉनसून की अक्षीय रेखा के प्रभाव से हो रही हैं। मॉनसून की अक्षीय रेखा इस समय अनूपगढ़, नारनौल, आगरा, डाल्टनगंज और मिदनापुर होते हुए बंगाल की खाड़ी के उत्तर में बनी हुई है। बंगाल की खाड़ी के उत्तर में ही एक निम्न दबाव का क्षेत्र भी विकसित हो गया है। मॉनसून ट्रफ इस निम्न दबाव में मिल रही है।
इसके अलावा दक्षिण-पश्चिमी उत्तर प्रदेश पर भी एक मौसमी सिस्टम चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र के रूप में दिखाई दे रहा है। इस सिस्टम से एक ट्रफ रेखा गुजरात तक पहुँच रही है। कुल मिलाकर कह सकते हैं कि मध्य प्रदेश में हाल की बारिश का कारण कोई एक मौसमी सिस्टम नहीं बल्कि मध्य भारत और उससे सटे भागों पर बने कई मौसमी सिस्टम थे।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार मध्य भारत और उससे सटे क्षेत्रों पर बने मौसमी सिस्टमों से इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि मध्य प्रदेश में कई स्थानों पर विशेषकर राज्य के उत्तरी और पश्चिमी भागों में कई जगहों पर भारी बारिश होने की संभावना है। इन क्षेत्रों में अगले 24 से 36 घंटों तक मध्यम से भारी वर्षा जारी रह सकती है।
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