तटीय महाराष्ट्र और उससे सटे उत्तर-पूर्वी अरब सागर के भागों पर मौजूद निम्न दबाव का क्षेत्र अब उत्तर-पश्चिमी दिशा में आगे बढ़ गया है और अरब सागर के उत्तर-पूर्वी और गुजरात तट के दक्षिण में स्थित है।
यह सिस्टम लगातार पश्चिमी-उत्तरपश्चिमी दिशा में बढ़ना जारी रखेगा और अगले 24 घंटों के दौरान एक डिप्रेशन के रूप में उभरेगा। इसके अलावा, विंड शियर जोन भी महाराष्ट्र के उत्तरी भागों की ओर आगे बढ़ रहा है।
मौसम पूर्वानुमान
इन मौसमी सिस्टम के कारण, राज्य के तटीय इलाकों में खासकर जूनागढ़, द्वारका, पोरबंदर, ओखा, राजकोट और जामनगर के हिस्सों में 40-50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की संभावना है और साथ ही अगले 24 घंटों के दौरान इन क्षेत्रों में मध्यम से भारी बारिश होने के भी आसार हैं।
बारिश की यह गतिविधि लगभग एक सप्ताह तक क्षेत्र में जारी रहने की उम्मीद है। हालांकि, 23 और 24 सितंबर को बारिश से थोड़ी राहत देखी जाएगी।
पूर्वी गुजरात और उससे सटे आसपास के भागों में भी मध्यम बारिश की उम्मीद है। उस दौरान, खासकर अहमदाबाद, बड़ौदा, गांधीनगर, सूरत, वलसाड, महुआ और भावनगर के हिस्सों में बारिश की संभावना है।
दरअसल, कुछ जगहों पर तो पहले से ही बारिश की गतिविधियां शुरू हो चुकी हैं। शुक्रवार को सुबह 8.30 बजे से 24 घंटे के अंतराल में राज्य के केशोद में 42 मिमी की भारी बारिश हुई। इसके अलावा, वल्लभ विद्यानगर में 33 मिमी, वेरावल में 15 मिमी, राजकोट में 12 मिमी, बड़ौदा में 15.6 मिमी और वलसाड में 14 मिमी की अच्छी बारिश दर्ज हुई।
मॉनसून का प्रदर्शन
गुजरात में इस मॉनसून के मौसम में अब तक 31 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है। इस दौरान, गुजरात क्षेत्र में 14 प्रतिशत से अधिक जबकि सौराष्ट्र और कच्छ के उप-विभाजन में 43 प्रतिशत अधिक रिकॉर्ड हुई है। यह आंकड़े स्पष्ट रूप से बताते हैं कि इस सीजन में गुजरात में मॉनसून की अच्छी बारिश हुई।
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Image Credit: The Indian Express
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