देश के अधिकांश भागों में लोगों ने अप्रैल 2016 में भीषण और जानलेवा गर्मी का अनुभव किया। ज़्यादातर इलाकों में अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक रिकॉर्ड किया गया। एक तरफ इस महीने में देश के अधिकतर क्षेत्र झुलस रहे थे वहीं दूसरी ओर पूर्वोत्तर राज्यों में अच्छी प्री-मॉनसूनी बारिश लू को इन राज्यों में आने से रोक रही थी। लेकिन इस दौरान देश उत्तरी राज्यों में भी अनपेक्षित गर्मी का अनुभव किया गया और पहाड़ी भागों तक भी लू का प्रकोप पहुँच गया।
देश के कई भाग ऐसे रहे जहां अप्रैल 2016 में अधिकतम तापमान ने सारे पुराने रिकॉर्ड तोड़ डाले और सबसे उच्चतम स्तर पर दर्ज किया गया।बंगलुरुसे सुहावने मौसम वाले शहर का तमगा छिन गया,चेन्नईभी गर्मी और उमस से बेहाल रहा।महाराष्ट्रमें भीषण गर्मी के साथ सूखे के रूप में दोहरी मार ने लोगों की सामान्य दिनचर्या को बुरी तरह से प्रभावित किया जबकितेलंगानामें लू की चपेट में आने से कई लोगों की जान चली गई।
पूर्वी भारत में सामान्य से अधिक तापमान के चलते निरंतर भीषण गर्मी का प्रभाव बना रहा। केरल में भी बीते महीने में लू का प्रकोप देखने को मिला जबकि राज्य में अप्रैल में आमतौर पर मौसम सहज रहता है।केरलके कोझिकोड में बीता अप्रैल सबसे अधिक गर्म रहा।
नीचे दी गई सारणी में बीते कई वर्षों और अप्रैल 2016 में दर्ज किए तापमान का तुलनात्मक विवरण आप देख सकते हैं:
अप्रैल की लू के चलते अनेक स्कूलों को तय समय से पहले छुट्टी करनी पड़ी। घरों और दफ्तरों में एसी का इस्तेमाल बढ़ गया। बीते महीने में ना सिर्फ अधिकतम तापमान आसमान पर पहुंचा बल्कि बीते कई वर्षों के मुक़ाबले गत अप्रैल महीने का औसत तापमान भी अधिक रिकॉर्ड किया गया।
नीचे दी गई सारणी में देश के अनेक शहरों में अप्रैल 2016 और अप्रैल माह के औसत तापमान का तुलनात्मक विवरण आप देख सकते हैं:
हालांकि देश के कई भागों में मई के आगमन के साथ ही प्री-मॉनसूनी बारिश की शुरुआत हो चुकी है। इसलिए हम उम्मीद कर रहे हैं कि तापमान और बारिश दोनों के नज़रिए से मई का महीना अप्रैल के मुक़ाबले बेहतर साबित होगा।
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