दिल्ली में मई की शुरुआत भी अप्रैल की तरह ही बेहद गर्म मौसम के साथ हुई। पहले दिन यानि 1 मई को दिल्ली के सफदरजंग में तापमान 42 डिग्री और पालम में 44.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। लेकिन स्काइमेट के पूर्वानुमान के मुताबिक अगले 48 घंटों में दिल्ली और आसपास के शहरों में प्री-मॉनसूनी बारिश की गतिविधियां शुरू हो सकती हैं जिससे झुलसाती गर्मी से राहत मिल सकती है।
दिल्ली में 3 मई से एक-दो स्थानों बादलों की गर्जना के साथ हल्की बौछारें शुरू होने का अनुमान है। बारिश की तीव्रता में धीरे-धीरे बढ़ोत्तरी होगी। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक मध्य पाकिस्तान पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है, जो धीरे-धीरे पूर्वी दिशा में आगे बढ़ रहा है। इसके प्रभाव से उत्तर भारत के मैदानी भागों में हवा बदलकर दक्षिण-पश्चिम से चलना शुरू होगी। यह हवाएँ अपने साथ अरब सागर से नमी लाएँगी जिससे दिल्ली और आसपास के भागों में गरज वाले बदल बनेंगे। बाद में धूल भरी आँधी चलने और गरज के साथ बौछारें गिरने के आसार हैं। कुछ भागों में इन गतिविधियों के साथ तेज़ हवाएँ भी चल सकती हैं।
अनुमान है कि 5 मई तक एक-दो स्थानों पर धूलभरी आँधी और गरज के साथ बौछारें दर्ज जाएंगी। आगमी मौसमी गतिविधि से दिल्ली और आसपास के शहरों में तापमान में गिरावट होगी और भीषण गर्मी से राहत मिलेगी। अगले कुछ दिनों तक सुबह और रात के समय मौसम सुहावना होगा।
स्काइमेट का आंकलन है कि गर्मी से राहत और बारिश के मामले में मई का महीना अप्रैल से बेहतर साबित होगा। अप्रैल में असामान्य गर्मी से देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य जन-जीवन पर व्यापक रूप में बुरा असर पड़ा। औसत 38.5 डिग्री सेलिसयस तापमान के साथ इस वर्ष अप्रैल 2010 के बाद सबसे गर्म रहा।
स्काइमेट के प्रमुख मौसम विशेषज्ञ महेश पालावत का मानना है कि प्री-मॉनसून बारिश की गतिविधियां धीरे-धीरे गति पकड़ेंगी और पूरे मई महीने में 3-4 दिनों के अंतराल पर रुक-रुक कर बारिश की गतिविधियां होंगी। दिल्ली में मई में आमतौर पर 22.7 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की जाती है। वर्तमान मौसमी स्थिति से यह निष्कर्ष निकल रहा है कि इस मई में सामान्य से अधिक बारिश दर्ज की जाएगी।
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