उत्तर भारत के पर्वतीय राज्यों में नए साल के शुरुआत से ही अब तक छोटे-छोटे अंतराल के बाद लगातार बारिश और बर्फबारी की गतिविधियां हो रही हैं। कैस्पियन सागर से अफगानिस्तान और पाकिस्तान होकर उत्तर भारत में पहुँचने वाले पश्चिमी विक्षोभ उत्तर के पहाड़ी राज्यों के मौसम को लगातार प्रभावित कर रहे हैं।
इस समय उत्तर भारत के लोकप्रिय हिल स्टेशन बर्फ की सफ़ेद चादर से ढंके हैं। जनवरी महीने में लगातार और फरवरी में भी अंतराल के बाद हो रही बर्फबारी के चलते जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के ऊंचे इलाकों में हिमस्खलन की चेतावनी जारी की गई हैं।
फिलहाल उत्तर भारत के इलाकों में बीते 3-4 दिनों से मौसम शुष्क बना हुआ था। हालांकि पर्वतीय इलाकों के मौसम को ना समझने वालों के लिए यह तथ्य आश्चर्यजनक लग सकता है कि बीते लंबे समय से हो रही बारिश और बर्फबारी के बाद भी इन राज्यों में पारा सामान्य से ऊपर चला गया है। दरअसल शुष्क मौसम और साफ आसमान के चलते जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में तापमान बढ़ा है।
इस बीच एक नया पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत के पर्वतीय राज्यों के करीब पहुँचने वाला है। यह सिस्टम 14 फरवरी से अपना असर दिखाना शुरू करेगा। मंगलवार की शाम से इसके प्रभाव से कुछ स्थानों पर बारिश और बर्फबारी की गतिविधियां देखने को मिलेंगी।
धीरे-धीरे बारिश और बर्फबारी की तीव्रता और दायरा दोनों पढ़ेंगे। अनुमान है कि अगले 24 से 48 घंटों के बीच उत्तराखंड सहित उत्तर भारत के तीनों राज्यों में वर्षा और हिमपात शुरू हो जाएगी। स्काइमेट का आंकलन है कि एक के बाद एक पश्चिमी विक्षोभों के उत्तर में आने का क्रम जारी रहेगा। अगले 3-4 दिनों तक पर्वतीय राज्यों में बारिश और बर्फबारी की गतिविधियां अनुमानित हैं। एक-दो स्थानों पर भारी बर्फबारी भी हो सकती है। इस दौरान दिन के तापमान में गिरावट दर्ज की जाएगी।
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