बीते कुछ दिनों से मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के कई इलाके में मॉनसून वर्षा की गतिविधियां देखने को मिल रही हैं। बीते दिनों की अच्छी बारिश के चलते छत्तीसगढ़ में इस मॉनसून सीजन में कुल 755 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई है जो सामान्य से 11 प्रतिशत कम है। दूसरी ओर मध्य प्रदेश के पूर्वी हिस्सों में अब तक सामान्य से 25 प्रतिशत कम 568.5 मिलीमीटर वर्षा हुई है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 21 फीसदी कम 491 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई है। इन आंकड़ों के आधार पर कह सकते हैं कि दोनों राज्यों की मॉनसूनी बारिश की प्यास अभी बुझी नहीं है।
इस बीच झारखंड और आसपास के हिस्सों पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र विकसित हो गया है। यह सिस्टम और प्रभावी होते हुए पश्चिम और दक्षिण-पश्चिम दिशा में आगे बढ़ेगा। आगे बढ़ते हुए यह सिस्टम दोनों राज्यों में बारिश देता रहेगा और मध्य प्रदेश पर अगले 2-3 दिनों में निम्न दबाव के क्षेत्र के रूप में पहुंचेगा। इसकी दिशा और क्षमता देखते हुए स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों का अनुमान है कि अगले कुछ दिनों के दौरान बारिश का अधिक ज़ोर दोनों राज्यों के दक्षिणी हिस्सों में अधिक होगा।
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पिछले 24 घंटों के दौरान मध्य प्रदेश के दक्षिण-पश्चिमी राज्यों में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई। इस दौरान खंडवा में 35 और उज्जैन में 24 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई। पंचमढ़ी में भी 14 मिलीमीटर बारिश हुई। अगले 24 घंटों के बाद मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के दक्षिणी हिस्सों में बारिश की गतिविधियां बढ़ेंगी। रायपुर, बिलासपुर, जगदलपुर और भिलाई में 25-26 अगस्त को जबकि जबलपुर, बेतुल, इटारसी, होशंगाबाद, भोपाल, इंदौर, उज्जैन में 26-27 अगस्त को मध्यम से भारी बारिश होने के आसार हैं। मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में गरज और वर्षा वाले स्थानों की ताज़ा स्थिति जानने के लिए नीचे दिए गए चित्र पर क्लिक करें।
जहां तक कोरबा, अम्बिकापुर, सूरजपुर, कटनी, दमोह, सागर, सतना, रीवा, खजुराहो, ग्वालियर, गुना सहित उत्तरी भागों का प्रश्न है तो इन क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बारिश देखने को मिल सकती है। 27 अगस्त को मध्य प्रदेश के पश्चिमी भागों में भारी वर्षा देखने को मिल सकती है। अनुमान है कि आगामी बारिश के दौर से दोनों राज्यों में बारिश की कमी कुछ हद तक पूरी होगी।
Image credit: The Indian Express
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