बंगाल की खाड़ी पर एक नया निम्न दबाव का क्षेत्र बनने जा रहा है। साल 2020 के मॉनसून सीजन में जून और जुलाई में कोई सक्रिय सिस्टम बंगाल की खाड़ी पर विकसित नहीं हुआ था लेकिन अगस्त महीना इस लिहाज से अब तक बेहतर रहा है। संभावित निम्न दबाव का क्षेत्र अपने पूर्ववर्ती सिस्टम की तुलना में अधिक प्रभावी हो सकता है। यह सिस्टम प्रणाली बंगाल की खाड़ी पर गहरे निम्न दबाव का क्षेत्र बन सकता है। संभावना यह भी है कि यह डिप्रेशन बन जाएगा।
संभावित निम्न दबाव या डिप्रेशन पश्चिम बंगाल, ओडिशा, झारखंड, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश को 19 से 23 अगस्त के बीच प्रभावित करेगा। लेकिन उत्तरी भागों एक विपरीत चक्रवाती क्षेत्र बन सकता है जिससे इसके और आगे बढ़ने की संभावना कम है। ऐसे में यह सिस्टम लगभग 48 घंटों या इससे भी अधिक समय के लिए मध्य प्रदेश और इससे सटे विदर्भ को 21 से 23 अगस्त के बीच प्रभावित करेगा।
English Version: Fresh low pressure area to form tomorrow, may intensify to depression
इसके पहले बंगाल की खाड़ी में उठा मौसमी सिस्टम वर्तमान में मध्य प्रदेश पर पहुंचा है। 21 से 23 अगस्त के बीच यह चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र के रूप में राजस्थान, दक्षिण-पश्चिमी मध्य प्रदेश, उत्तरी गुजरात और सौराष्ट्र व कच्छ को प्रभावित करेगा।
इन दोनों सिस्टमों के संयुक्त प्रभाव से दक्षिण-पश्चिम मॉनसून पूर्वी और मध्य भारत के कुछ हिस्सों में व्यापक बारिश देने जा रहा है। इसके चलते आशंका है कुछ हिस्सों में बाढ़ का संकट भी पैदा हो सकता है। कोलकाता सहित पश्चिम बंगाल, झारखंड, छत्तीसगढ़, विदर्भ और मध्य प्रदेश के कई हिस्सों में भारी बारिश की संभावना है। विशेष रूप से मध्य प्रदेश के कुछ इलाकों में वर्षा की मात्रा 200 मिमी या उससे भी अधिक हो सकती है।
देश के मध्य भागों में 1 जून से 17 अगस्त के बीच मॉनसून वर्षा सामान्य से 6% प्रतिशत अधिक हुई है। इस सप्ताह जिस तरह की बारिश मध्य भारत पर संभावित है उससे लगता है कि यह आंकड़े व्यापक रूप में ऊपर पहुँच सकते हैं। साथ ही बड़ी राहत मध्य प्रदेश और विदर्भ के उन क्षेत्रों को मिल सकती है जिन्हें अब तक कम बारिश मिली है।
Image credit: Down To Earth
कृपया ध्यान दें: स्काइमेट की वेबसाइट पर उपलब्ध किसी भी सूचना या लेख को प्रसारित या प्रकाशित करने पर साभार: skymetweather.com अवश्य लिखें।