जैसी संभावना जताई गई थी, बंगाल की खाड़ी और इससे सटे भागों पर एक निम्न दबाव का क्षेत्र विकसित हो गया है। अगस्त महीने में एक के बाद एक यह छठा निम्न दबाव का क्षेत्र है। इसके चलते मध्य भारत में एक बार फिर से मॉनसून के सक्रिय होने की संभावना है।
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार यह सिस्टम भी पिछले सिस्टमों के रास्ते ही जाएगा। यह पश्चिमी और उत्तर-पश्चिमी दिशा में जाएगा और प्रभाव अगले 3-4 दिनों के दौरान देखने को मिलेगा। हालांकि यह सिस्टम बहुत अधिक प्रभावी नहीं होगा जिससे भीषण बारिश कहीं भी नहीं देगा और सामान्य जन-जीवन पर नकारात्मक प्रभाव भी नहीं दिखेगा।
पिछले सिस्टमों से अलग इस निम्न दबाव के कारण अधिकांश भागों में मध्यम और कुछ स्थानों पर भारी बारिश होगी। अभी यह पश्चिम बंगाल और ओड़ीशा के पास है इसलिए शुरुआत में इन्हीं भागों को प्रभावित करेगा। वर्तमान में इन राज्यों पर काफी बादल दिखाई दे रहे हैं और बारिश भी शुरू हो गई। हालांकि बारिश की तीव्रता अलग-अलग है।
उम्मीद है कि दोनों राज्यों में कुछ स्थानों पर मध्यम से भारी बारिश आज तक जारी रहेगी। इसका असर छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश पर भी दिखने लगा है। आंशिक बादल आने लगे हैं और कुछ स्थानों पर बारिश में हो रही है।
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जैसे-जैसे यह सिस्टम पश्चिमी दिशा में बढ़ेगा मध्य प्रदेश के पश्चिमी भागों में भी बारिश होगी। इस सिस्टम के राजस्थान तक जाने की संभावना है। इसके चलते पूर्वी राजस्थान और उत्तरी गुजरात तक बारिश के आसार हैं।
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यानि ओड़ीशा से लेकर छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, गुजरात और राजस्थान के कुछ हिस्सों को यह सिस्टम सीधे तौर पर प्रभावित करेगा। इन राज्यों के अलावा उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और महाराष्ट्र के भी कुछ इलाकों पर मॉनसून वर्षा देखने को मिलेगी। इस निम्न दबाव का असर दिल्ली और एनसीआर में भी दिखेगा। यहाँ 30 अगस्त को बारिश होने की संभावना है।
एक तरफ यह निम्न दबाव आगे पश्चिमी दिशा में बढ़ता रहेगा तो दूसरी ओर बंगाल की खाड़ी में एक नया चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र विकसित होगा।
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