पूर्वी भारत के अधिकांश भाग में वर्षा की कमी है। 1 जून से 1 सितंबर के बीच बिहार में 27% और झारखंड में 37% कम बारिश हुई है। जुलाई के अंत तक दोनों राज्यों में मौसम लगभग शुष्क रहा और बीच-बीच में हल्की से मध्यम बारिश होती रही। बिहार के उत्तरी जिले में अगस्त के महीने में कुछ अच्छी बारिश देखी गई। राज्यों का मौसम एक बार फिर शुष्क हो गया है और बारिश की कमी बढ़ती जा रही है।
जल्द ही उत्तर पश्चिमी बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक चक्रवाती परिसंचरण विकसित होगा और इसके प्रभाव से कम दबाव का क्षेत्र बनने की उम्मीद है। निम्न दबाव का क्षेत्र पश्चिमी दिशा में आगे बढ़ेगा। इस कम दबाव वाले क्षेत्र से बिहार के उत्तरी भागों तक एक ट्रफ रेखा बनेगी जिससे बारिश की गतिविधियाँ एक बार फिर शुरू हो जाएंगी।
शुरुआत में मौसमी गतिविधियां बिहार और झारखंड के पूर्वी हिस्सों पर होंगी। बारिश की तीव्रता और प्रसार में धीरे-धीरे वृद्धि होगी। हमें उम्मीद है कि 5 सितंबर तक बिहार और झारखंड के अधिकांश हिस्सों में अच्छी बारिश होने लगेगी। 10 सितंबर के बाद बारिश की तीव्रता कम होनी शुरू हो सकती है, लेकिन कम से कम सितंबर की पहली छमाही तक दोनों राज्यों में छिटपुट बारिश जारी रहेगी।
बारिश का यह विस्तारित दौर उन कृषक समुदायों के लिए वरदान साबित होगा जो बारिश का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।