उत्तर भारत में पंजाब से लेकर हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश तक बारिश का एक झोंका जल्द आने वाला है। आमतौर पर सर्दियों में छोटे-छोटे अंतराल के बाद उत्तर भारत के राज्यों में बारिश की गतिविधियां देखने को मिलती हैं लेकिन वर्ष 2017 और 2018 की सर्दी में अधिकांश समय सूखा बीता है। इस सीज़न में उत्तर भारत के ज्यादातर इलाकों में मौसम मुख्यतः ही रहा है।
इससे पहले 10 से 12 दिसम्बर के बीच और उसके बाद 21-22 जनवरी को हल्की वर्षा हुई थी। इसके अलावा अधिकांश समय मौसम मुख्यतः शुष्क ही रहा है। यही वजह है कि उत्तर भारत के मैदानी राज्यों में सर्दियां अपेक्षा से कम पड़ी हैं और कोहरा भी बीते वर्षों की तुलना में कम दिनों में ही देखने को मिला। गरज और वर्षा वाले बादलों की ताज़ा स्थिति जानने के लिए नीचे दिए गए मैप पर क्लिक करें।
इस बीच एक सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ कल शाम से उत्तर के राज्यों जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड को प्रभावित करना शुरू करेगा। इसके चलते पर्वतीय राज्यों में 10 फरवरी से 14 फरवरी के बीच वर्षा और बर्फबारी होने की संभावना है। पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से एक चक्रवाती सिस्टम हवाओं में बना है, जो इस समय मध्य पाकिस्तान पर है इस यह धीरे-धीरे पूर्वी दिशा में बढ़ेगा और अपने साथ अरब सागर से नमी लेकर आएगा जिससे मैदानी इलाकों में मौसम बदलेगा।
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इन भागों में 10-11 फरवरी से घने बादल भी दिखाई देंगे और 11 से 13 फरवरी के बीच पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, चंडीगढ़, राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कई जगहों पर गरज के साथ हल्की बारिश दर्ज की जाएगी। इस दौरान अमृतसर, लुधियाना, करनाल, कुरुक्षेत्र, श्रीगंगानगर, जयपुर, मेरठ, गुरुग्राम, फरीदाबाद और मथुरा सहित आसपास के इलाकों में कहीं-कहीं मध्यम वर्षा भी देखने को मिल सकती है।
बादल और बारिश होने के चलते 10 फरवरी से 13 फरवरी के बीच उत्तर भारत के मैदानी राज्यों में दिन का तापमान व्यापक रूप में नीचे जाएगा, जिससे बढ़ रहे दिन के तापमान पर नियंत्रण लगेगी और सर्दी का दौर कुछ और लंबे समय तक चलेगा। हालांकि इस बीच न्यूनतम तापमान में हल्की बढ़ोतरी भी हो सकती है जिसमें 14 फरवरी से अगले कुछ दिनों तक बारिश बंद होने के बाद गिरावट आने के आसार हैं।
Image credit: The Indian Express
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