पिछले कई दिनों में दिल्ली-एनसीआर में बारिश नहीं हुई है लेकिन पहाड़ों से होकर आ रही ठंडी हवाओं के कारण न्यूनतम तापमान सामान्य से नीचे चल रहा है। राजधानी दिल्ली में फरवरी का पहला पखवाड़ा कड़ाके की ठंड के साथ बीत रहा। खासतौर पर सुबह और रात के समय दिल्ली के लोगों को कड़ाके की ठंड का सामना करना पड़ रहा है। दिन में भी धूप के बावजूद मौसम ठंडा चल रहा है क्योंकि दिन में भी ठंडी हवाओं का असर बरकरार है।
English Version: After few more days of below normal temperatures, Delhi minimums to rise, pollution to be poor
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार अगले दो दिनों तक स्थितियों में बड़े बदलाव की संभावना नहीं है। यानि ठंडी हवाएँ 11 फरवरी तक चलती रहेंगी जिससे अधिकतम और न्यूनतम तापमान सामान्य से नीचे ही बने रहेंगे। 11 फरवरी की रात से एक पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत के पहाड़ों को प्रभावित करेगा।
पश्चिमी विक्षोभ के आने के बाद ठंडी हवाओं की रफ्तार में कमी आ जाएगी जिससे 12 से 14 फरवरी के बीच दिन और रात के तापमान में वृद्धि देखने को मिलेगी। हालांकि ऋतु परिवर्तन का समय आने के बावजूद तापमान में वृद्धि निरंतर जारी नहीं रहेगी बल्कि 14 फरवरी के बाद जब पश्चिमी विक्षोभ आगे निकल जाएगा, ठंडी हवाएँ फिर से अपना असर दिखाएंगी और तापमान गिरेगा।
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मौसम विशेषज्ञों का आकलन है कि फरवरी तक तापमान में इसी तरह से उतार-चढ़ाव देखने को मिलेगा जिससे कभी ठंडक बढ़ जाएगी तो कभी कम हो जाएगी। फरवरी के दूसरे पखवाड़े की शुरुआत से उत्तर भारत में वसंत ऋतु का आरंभ माना जाता है क्योंकि मौसम में काफी बदलाव आ जाता है और तापमान बढ़ने लगता है।
इस बीच जनवरी से अब तक दिल्ली में प्रदूषण का प्रचंड रूप देखने को नहीं मिला है। इसका श्रेय रुक-रुक कर कई बार हुई बारिश और तेज़ उत्तर-पश्चिमी शुष्क हवाओं को दे सकते हैं। 12 फरवरी से हवाओं की रफ्तार में कमी की संभावना को देखते हुए माना जा रहा है कि दिल्ली प्रदूषण कुछ ऊपर जाएगा। कुछ स्थानों पर वायु गुणवत्ता सूचकांक खराब से बेहद खराब श्रेणी में पहुँच सकती है।
Image credit: The Statesman
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