उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में इस समय बादल छाए हुए हैं। लेकिन यह बादल उत्तर प्रदेश के लिए मुख्यतः मृग मरीचिका ही सिद्ध होंगे क्योंकि बादलों की ऊंचाई काफी अधिक है। दूसरी ओर मध्य प्रदेश में इंदौर और उज्जैन सहित दक्षिण-पश्चिमी भागों से लेकर ग्वालियर और खजुराहो तक मध्यम बादलों का जमावड़ा है। इन भागों में एक-दो स्थानों पर गरज के साथ बौछारें देखने को मिल सकती हैं।
उत्तर प्रदेश में आगरा, कानपुर, इलाहाबाद और लखनऊ सहित राज्य के अधिकांश हिस्सों में बादल दिखाई दे रहे हैं। हल्के से मध्यम बादलों से आपको भ्रम हो सकता है कि सर्दियों के विदाई से पहले यह बादल अच्छी बारिश देने आए हैं लेकिन ऐसी संभावना फिलहाल कम है। हालांकि यह बादल पूरी तरह से बेरुखी ही दिखाएंगे ऐसा भी नहीं है। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों की मानें तो उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में गरज के साथ हल्की वर्षा की संभावना से इंकार भी नहीं किया जा सकता है।
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इस समय छाए अचानक बादलों के कारणों पर नज़र डालें तो इस समय दक्षिण-पश्चिम से अरब सागर से होकर आ रही हवाएँ अपने साथ नमी ला रही हैं जिससे महाराष्ट्र से लेकर मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के पश्चिम से लेकर पूर्वी भागों तक बादल दिखाई दे रहे हैं। अनुमान है कि यह हवाएँ अगले 24 से 36 घंटों तक बनी रहेंगी जिससे मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में 7 फरवरी तक बादल छाए रहेंगे और छिटपुट जगहों तक बूँदाबाँदी या हल्की वर्षा की संभावना बनी रहेगी। उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में गरज और वर्षा वाले बादलों की ताज़ा स्थिति जानने के लिए नीचे दिए गए मैप पर क्लिक करें।
इन भागों में 8 फरवरी से मौसम साफ और शुष्क हो जाएगा। बादलों के प्रभाव से अगले 24 से 48 घंटों तक दिन के तापमान सामान्य से नीचे बने रहेंगे जबकि न्यूनतम तापमान सामान्य से ऊपर रहेंगे। 8 फरवरी से स्थितियाँ बदलेंगी और रात के तापमान में गिरावट होगी जबकि दिन में पारा ऊपर चढ़ेगा।
Image credit: Bloomberg
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