उत्तर प्रदेश में धान सहित खरीफ फसल पकने की स्थिति में पहुँच गई है। अभी भी धान की फसल को पानी की ज़रूरत बनी हुई है। कमजोर मॉनसून के चलते यह ज़रूरत स्वाभाविक है। इस बीच राज्य के पूर्वी हिस्सों में अगले 48 घंटों के दौरान हल्की वर्षा हो सकती है। शेष उत्तर प्रदेश में 10-11 अक्टूबर से अच्छी बारिश की संभावना बन रही है। हालांकि इस दौरान भी उत्तर-पश्चिमी जिलों में शुष्क मौसम ही जारी रहेगा।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के आंकलन के अनुसार इस समय बंगाल की खाड़ी में एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। यह सिस्टम जल्द ही निम्न दबाव के क्षेत्र में तब्दील हो सकता है और क्रमशः उत्तर-पश्चिमी दिशा में आगे बढ़ेगा। इसके चलते शुरुआती मौसमी बदलाव दक्षिण-पूर्वी उत्तर प्रदेश में देखने को मिलेगा। अनुमान है कि अगले 24 से 48 घंटों के दौरान दक्षिण-पूर्वी उत्तर प्रदेश में उमस बढ़ जाएगी और बादल छाए रहेंगे। उत्तर प्रदेश में गरज और वर्षा वाले बादलों की ताज़ा स्थिति जानने के लिए नीचे दिए गए मैप पर क्लिक करें।
इलाहाबाद, मिर्ज़ापुर, बांदा, चित्रकूट, वाराणसी, आज़मगढ़, जौनपुर और प्रतापगढ़ में अगले 2 दिनों के दौरान बादलों के बीच कुछ समय के लिए गरज के साथ वर्षा देखने को मिल सकती है। कहीं-कहीं पर मध्यम बौछारें भी गिर सकती हैं। अगले 48 घंटों के बाद उत्तर प्रदेश में कुछ समय के लिए मौसम शांत रहेगा। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार 10-11 अक्टूबर से राज्य में फिर से दक्षिण-पूर्वी हवाओं का प्रवाह ज़ोर पकड़ेगा जिससे मौसमी हलचल बढ़ जाएगी।
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स्काइमेट का मानना है कि 10 से 13 अक्टूबर के बीच उत्तर प्रदेश के उत्तर-पश्चिमी जिलों को छोड़कर सभी भागों में हल्की से मध्यम वर्षा देखने को मिल सकती है। इस दौरान इलाहाबाद, कानपुर, लखनऊ, गोरखपुर, वाराणसी, मिर्ज़ापुर, फ़ैज़ाबाद और बरेली तक बारिश पहुंचेगी। इन भागों में कई जगहों पर हल्की से मध्यम और एक-दो स्थानों पर भारी वर्षा के आसार हैं। इस दौरान आगरा और मथुरा सहित दक्षिण-पश्चिमी भागों में भी वर्षा होने के आसार हैं।
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