मार्च के आखिर में मध्य भारत के ज्यादातर इलाकों में धूप का असर काफी बढ़ जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि सूरज इस समय तक कर्क रेखा के उत्तर में आने लगता है। यही वजह है कि इस समय दोपहर के समय सूरज सीधे सिर के ऊपर दिखाई देता है। कर्क रेखा भारत में उज्जैन से होकर गुज़रती है। मार्च के आखिर से जून के बीच महाराष्ट्र, तेलंगाना और मध्य प्रदेश में गर्मी प्रचंड हो जाती है।
एक तरफ़ सूरज का लम्बवत होना और दूसरी ओर बारिश जैसी मौसमी हलचलों में कमी के कारण अप्रैल शुरू होने से पहले ही मध्य भारत के ज्यादातर हिस्सों तापमान में लगातार बढ़ोत्तरी होती है और कई इलाके लू की गिरफ़्त में आ जाते हैं। 30 मार्च को मध्य-प्रदेश के खरगोन में अधिकतम तापमान 44.5 डिग्री सेल्सियस, महाराष्ट्र के अकोला में 43.6, वर्धा में 43.4, नागपुर में 43.3, अमरावती और परभणी में 43.2, चंद्रपुर में 43.1 और जलगांव में 42.6 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।
Read in English: Heatwave to grip Khargone, Akola, Amravati, Hoshangabad, Wardha and Chandrapur
इन भागों में आने वाले दिनों में हालात और बिगड़ने वाले है। महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र और मध्य प्रदेश के दक्षिणी इलाकों में जल्द लू शिकंजा कस सकता है। अनुमान है कि ज्यादातर हिस्सों में तापमान 44 से 45 डिग्री के करीब पहुंच जाएगा। विशेषकर खरगौन, अकोला, अमरावती, होशंगाबाद, वर्धा और चंद्रपुर जैसे कई शहरों में लू तेज़ हो जाएगी।
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई की बात करें तो यहां पर चल रही उत्तर-पश्चिमी हवाओं के कारण दिन का तापमान सामान्य से नीचे बना हुआ है। अनुमान है कि अगले दो-तीन दिनों तक पारा 29 से 31 डिग्री के बीच रिकॉर्ड किया जाएगा। जबकि 3 अप्रैल से हवा का रुख बदलेगा और मुंबई में भी पारा बढ़ना शुरू होगा।
Image credit : Hindustan Times
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