दिल्ली के पर्यावरण मंत्री इमरान हुसैन ने दिल्ली के पर्यावरण विभाग और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति यानी डीपीसीसी को निर्देश दिया है कि दीपावली के पहले दिल्ली में प्रदूषण पर निगरानी रखने के लिए निगरानी यंत्रों की स्थापना की जाए। गौरतलब है कि सर्दी का मौसम शुरू होते ही दिल्ली में वायु प्रदूषण के बादल आफत की तरह छा जाते हैं। नवंबर और दिसंबर महीनों में हवा में प्रदूषण बेहद खतरनाक स्तर तक पहुँच जाता है।
वायु प्रदूषण के अचानक बढ़ने की दो बड़ी वजहें हैं। पहली हवा में नमी का बढ़ना और दूसरा दीपावली की आतिशबाज़ी तथा पंजाब और हरियाणा में फसलों का जलाया जाना। हवा में अधिक नमी के चलते सड़कों पर दौड़ती लाखों गाड़ियों से निकलने वाला धुआं और अन्य तरह के प्रदूषण कण निचले स्तर पर ही बने रह जाते हैं। प्रदूषण के कण सांस की समस्या से परेशान लोगों का जीवन मुश्किल कर देते हैं। यही नहीं सामान्य रूप से स्वस्थ लोग भी साँसों की बीमारी का शिकार हो जाते हैं।
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गौरतलब है कि मॉनसून वर्षा अब सम्पन्न हो चुकी है और आजकल में मॉनसून की वापसी की आधिकारिक घोषणा कर दी जाएगी। इसके बाद धीरे-धीरे तापमान में गिरावट होगी और सर्दी सर्दी के साथ कुहासे और कोहरे का प्रभाव बढ़ेगा। अक्टूबर-नवंबर में दिल्ली से सटे राज्यों पंजाब और हरियाणा में किसान खेतों में धान के पौधों को बड़े पैमाने पर जलते हैं। जिनसे उठने वाला धुआं उत्तर-पश्चिमी शुष्क हवाओं के माध्यम से दिल्ली में पहुंचता है और लंबे समय तक दिल्ली के ऊपर घनी धुंध के बादल छाए रहते हैं। दिल्ली में गरज और वर्षा वाले बादलों की ताज़ा स्थिति जानने के लिए नीचे दिए गए मैप पर क्लिक करें।
दीपावली के पहले से शुरू होने वाली आतिशबाजी भी किसी हद तक व्यापक प्रदूषण के लिए जिम्मेदार होती है। फिलहाल प्रदूषण निगरानी यंत्र लगाने के दिल्ली सरकार के फैसले से सरकारी एजेंसियों को यह पता लगाने में मदद मिलेगी कि किन स्थानों पर प्रदूषण अधिक है। जिससे स्थिति से निपटने के उपाय आसानी से किए जा सकेंगे और लोगों को भी प्रदूषण से बचने की सलाह जारी की जा सकेगी।
दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों में हवा गुणवत्ता सूचकांक की ताज़ा स्थिति जानने के लिए नीचे दिए गए चित्र पर क्लिक करें।
प्रदूषण पर निगरानी के लिए दिल्ली में अभी 6 स्थानों पर यंत्र लगे हैं जो दिल्ली जैसे बड़े क्षेत्रफल और विशाल आबादी के लिए पर्याप्त नहीं है। दिल्ली में बड़ी संख्या में वाहन और उद्योग भी चुनौती हैं। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री हुसैन ने कहां की वायु प्रदूषण निगरानी यंत्रों की स्थापना किसी भी सूरत में दीपावली से पहले कर ली जाए। नए केंद्रों से वायु गुणवत्ता आंकड़ों को आम जनता के लिए उपलब्ध कराया जाएगा ताकि प्रभावित क्षेत्रों में लोग सावधानी बरतें।
Image credit: DNA India
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