सर्दियों का मौसम शुरू होने से पहले ही राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के ऊपर धुंध छा गई। अक्टूबर महीने की शुरुआत से ही दिल्ली-एनसीआर में हवा की गुणवत्ता हर दिन खराब हुई है। इसके लिए पड़ोसी राज्यों पंजाब और हरियाणा में जलने वाली पराली को जिम्मेदार बताया गया है। खेतों में जलाये जा रही पराली से निकलने वाला धुआं पश्चिमी शुष्क हवाओं के साथ दिल्ली पहुंचने लगा है जिससे वायु गुणवत्ता में व्यापक गिरावट आ रही है।
हालांकि दिल्ली में वायु गुणवत्ता में सोमवार की तुलना में आ कुछ सुधार देखने को मिला। मंगलवार की सुबह वायु गुणवत्ता सूचकांक 252 रिकॉर्ड किया गया जबकि सोमवार को दिल्ली का एक्यूआई 280 था। हालांकि मंगलवार को सुधार के बाद भी यह दिल्ली खराब' श्रेणी में ही रहा।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, दिल्ली में जल्द ही स्थिति खराब होने लगेगी और (एक्यूआई) और बिगड़ जाएगा जिससे एक बार फिर से दिल्ली 'एनसीआर' में प्रदूषण ख़तरनाक स्तर पर पहुँच सकता है।
पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने का काम अभी चरम पर नहीं पहुंचा है। अभी मुख्यतः स्थानीय प्रदूषण ही दिल्ली वालों को परेशान कर रहा है। लेकिन जब पराली से उठने वाला धुआँ व्यापक रूप में दिल्ली पर पहुंचेगा तब प्रदूषण किस स्तर पर पहुंचेगा आप अंदाज़ा लगा सकते हैं।
हालांकि, स्काइमेट के मौसम विज्ञानियों का कहना है कि दिल्ली में प्रदूषण गंभीर स्थिति में पहुँचने से पहले अगले दो दिनों के दौरान कुछ सुधरेगा।
Also read in English: Delhi pollution improves marginally but remains in poor category, to worsen from fourth week of Oct
दिल्ली में प्रदूषण बढ़ने की आशंका
मुख्यतः अक्टूबर के चौथे सप्ताह से है। इस दौरान मैदानी राज्यों पर बने विपरीत चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र के कारण आसमान साफ हो जाएगा और उत्तर-पश्चिमी दिशा की हवाएँ स्थायी रूप से चलने लगेंगी। तापमान भी गिरने लगेगा, जिससे प्रदूषण के स्तर में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
Image Credits : The Indian Wire
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