गुजरात में मॉनसून आया और आते ही छा गया, लेकिन धमाकेदार शुरूआत के बाद इसका प्रदर्शन कुछ फीका पड़ गया। नतीजतन राज्य के कुछ ही हिस्सों में रह-रह कर बारिश हो रही। जुलाई के पहले सप्ताह के दौरान हल्की से मध्यम बारिश ने राज्य के अलग-अलग हिस्सों को तरबतर किया, ख़ास तौर से वलसाड में झमाझम बारिश हुई जिसकी वजह से शहर के अधिकांश हिस्से पानी में डूब गये थे। दूसरी ओर, सौराष्ट्र और कच्छ के अधिकांश हिस्से आमतौर पर सूखे की मार झेलते रहे।
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अब अधिकांश हिस्सों में बारिश में कमी आई गई क्योंकि राज्य में मॉनसून कमजोर है। पिछले दो दिनों से बारिश में काफी कमी दर्ज की गयी है और सिर्फ एक-दो जगहों पर ही भारी वर्षा दर्ज की गयी। गुरुवार की सुबह 08:30 बजे से पिछले 24 घंटों के दौरान, इदार में 21 मिमी बारिश हुई, जबकि दीव में 11 मिमी, वडोदरा में 7 मिमी, सूरत में 1 मिमी और अहमदाबाद में महज़ 0.3 मिमी बारिश हुई।
दरअसल दक्षिण गुजरात के ऊपर बना चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र कमजोर हो गया है जिससे बारिश कम हो गई है। समुद्र में तट से दूर कम दबाव का क्षेत्र दक्षिण गुजरात से उत्तरी केरल के तटीय इलाकों की तरफ बढ़ रहा है। इसके चलते, कम से कम अगले दो से तीन दिनों तक बारिश की गतिविधियों में कोई खास तेजी आने की उम्मीद नहीं है। हालांकि, राज्य के दक्षिण और मध्य इलाकों जैसे की अहमदाबाद, वलसाड, सूरत, महुवा और भावनगर में कुछ स्थानों पर हल्की बारिश जारी रह सकती है, जबकि सूरत और वलसाड में अच्छी बारिश देखने को मिल सकती है।
स्काईमेट वेदर के अनुसार, 12 या 13 जुलाई तक बारिश अपनी रफ़्तार पकड़ सकती है और इस वजह से जुलाई के तीसरे सप्ताह के दौरान राज्य में अच्छी बारिश होने की पूरी उम्मीद है।
Image credit: NDTV
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