बीते तो दिनों से पूर्वोत्तर राज्यों में अधिकांश स्थानों पर बारिश की गतिविधियां चल रही थीं। मात्र 24 घंटों की एक अवधि में हुई बारिश की बात की जाए तो 12 अक्टूबर को समूचे पूर्वी और पूर्वोत्तर राज्यों में सामान्य से 172 प्रतिशत अधिक वर्षा दर्ज की गई। जबकि इससे कुछ समय पहले यानि 10 अक्टूबर तक देश के इन पूर्वी और पूर्वोत्तर भागों में महज़ हल्की वर्षा ही देखने को मिल रही थी।
स्काइमेट ने पूर्वोत्तर भारत में 11 अक्टूबर से बारिश में बढ़ोत्तरी होने का अनुमान लगाया था। अरुणाचल प्रदेश जहां 10 अक्टूबर तक बारिश के मामले में 45 प्रतिशत से पिछड़ रहा था वहीं अब यह मात्र 1 प्रतिशत से पीछे है। असम और मेघालय में भी सामान्य से 35 प्रतिशत कम बारिश हुई थी लेकिन हाल के दो दिनों की बारिश के बाद यह आंकड़ा घटकर 3 प्रतिशत पर आ गया है।
नागालैंड, मणिपुर, मिज़ोरम और त्रिपुरा में तुलनात्मक रूप में अधिक वर्षा नहीं हुई लेकिन यहाँ भी बारिश की कमी का आंकड़ा 43 प्रतिशत से घटकर 38 प्रतिशत पर आ गया है। इन चारों राज्यों के लिए अच्छी खबर यह है कि मेघालय और उससे सटे भागों पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। जिसके प्रभाव से नागालैंड, मणिपुर, मिज़ोरम और त्रिपुरा में अगले 24 घंटों तक अच्छी वर्षा जारी रहने की संभावना है।
अगले 24 घंटों के पश्चात यह सिस्टम कमजोर होकर निष्प्रभावी हो जाएगा जिससे पूर्वोत्तर भारत के राज्यों में बारिश में व्यापक कमी आएगी। स्काइमेट का अनुमान है कि 14 अक्टूबर से पूर्वोत्तर भारत के राज्यों में मौसम मुख्यतः शुष्क हो जाएगा। हालांकि छिटपुट जगहों पर हल्की बारिश की गतिविधियां देखने को मिल सकती हैं।
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