[Hindi] पूर्वी भारत में मॉनसून में व्यापक सुधार के बाद बारिश में फिर से 3-4 दिनों का ब्रेक

August 7, 2018 1:03 PM | Skymet Weather Team

पूर्वी भारत के अधिकांश इलाकों में पिछले एक सप्ताह से बारिश हो रही है। पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, ओड़ीशा और पश्चिम बंगाल के कुछ शहरों में मध्यम से भारी बारिश भी हुई। पूर्वी भारत में जुलाई के तीसरे सप्ताह तक बारिश में व्यापक कमी बनी हुई थी क्योंकि इन भागों में मॉनसून कमजोर चल रहा था। पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में लगभग 25-26 जुलाई तक बारिश में कमी 40 से 45 प्रतिशत तक की थी।

बारिश में इस कमी का कारण थे बंगाल की खाड़ी से उठने वाले मॉनसूनी सिस्टम जो ओड़ीशा, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश होते हुए पश्चिमी दिशा में निकल रहे थे। इन सिस्टमों के प्रभाव से उत्तर में रहने वाली और उत्तर प्रदेश सहित पूर्वी भारत में बारिश देने वाली मॉनसून की अक्षीय रेखा भी मध्य प्रदेश और ओड़ीशा पर लंबे समय तक टिकी रही। जुलाई की विदाई से पहले स्थितियों में बदलाव दिखा और बंगाल की खाड़ी से उठा निम्न दबाव उत्तर प्रदेश पर पहुँचा जिसके प्रभाव से मॉनसून की अक्षीय रेखा भी उत्तर प्रदेश और बिहार के ऊपर पहुँच गई।

पूर्वी भारत के भागों में 1 जून से 7 अगस्त तक मॉनसून का प्रदर्शन देखें तो पूर्वी उत्तर प्रदेश में 462.9 मिलीमीटर बारिश हुई है जो सामान्य से महज़ 7 प्रतिशत कम है। इसी तरह बिहार में बारिश में कमी सामान्य से 16 फीसदी रही गई है और अब तक 478.3 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई है। हालांकि झारखंड में अब भी 24 प्रतिशत बारिश से पीछे है और राज्य में 458.2 मिलीमीटर वर्षा हुई है। पश्चिम बंगाल में सामान्य से 7 फीसदी कम बारिश हुई है।

पूर्वी भारत के राज्यों में बारिश का पूर्वानुमान

इस समय ओड़ीशा और इसके आसपास एक गहरे निम्न दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। यह सिस्टम फिर से पश्चिमी दिशा में यानि मध्य प्रदेश की तरफ जाएगा साथ ही मॉनसून की अक्षीय रेखा भी नीचे आ जाएगी। इस बदलाव के कारण पूर्वी भारत में जाने वाली आर्द्र हवाएँ गहरे निम्न दबाव के क्षेत्र की ओर आकर्षित होंगी। इसके चलते ओड़ीशा में अच्छी बारिश जारी रहेगी लेकिन पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के अधिकांश इलाकों में 8 अगस्त से 11 अगस्त तक बारिश में भारी कमी आ जाएगी।

स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार निम्न दबाव के कमजोर होते ही मॉनसून की अक्षीय रेखा फिर से उत्तर प्रदेश और बिहार पर पहुंचेगी जिससे बंगाल की खाड़ी से आर्द्र हवाएँ पूर्वी भारत में चलने लगेंगी और 11-12 अगस्त से बारिश बढ़ जाएगी। कह सकते हैं कि 25 जुलाई तक सूखे जैसे संकट का सामना कर रहे पूर्वी भारत के राज्यों में अब मॉनसून निराश नहीं करेगा और ज़रूरत भर की मॉनसूनी बौछारें रुक-रुक कर होती रहेंगी।

Image credit: The Wire

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