देश में नवंबर-दिसम्बर महीनों को हेमंत ऋतु के तौर पर यानि सर्दी से पहले के सीज़न के रूप में जाना जाता है। लेकिन इन दो महीनों में उत्तर भारत के पहाड़ों पर अच्छी बारिश और बर्फबारी शुरू हो जाती है और कड़ाके की सर्दी भी पड़ती है। सर्दी के इस मौसम में यानि 2019-20 में जनवरी तक जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, लद्दाख और जम्मू कश्मीर में ज़बरदस्त बारिश और बर्फबारी दर्ज की गई।
नए वर्ष 2020 के पहले महीने में भी पहाड़ों पर अच्छी बर्फबारी जारी रही। जनवरी में चारों राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों में सामान्य से बहुत अधिक बारिश हुई।
फरवरी में आमतौर पर पहाड़ों पर अच्छी बर्फबारी और मैदानी इलाकों में अच्छी बारिश होती है। लेकिन इस साल बर्फबारी और बारिश का कोटा ऐसा लगता है जैसे नवंबर से जनवरी के बीच ही पूरा हो गया है। फरवरी के शुरुआती 11 दिनों बारिश का तुलनात्मक विवरण नीचे टेबल में दिया गया है।
English version: After ample rain and snow in the hills in January, February proves to be a dampener
सर्दियों में चारों पर्वतीय क्षेत्रों में जम्मू कश्मीर में सबसे अधिक बारिश होती है। हिमाचल प्रदेश दूसरे स्थान पर जबकि उत्तराखंड तीसरे स्थान पर आता है। नीचे दिए गए टेबल में 1 जनवरी से 11 फरवरी के बीच रिकॉर्ड की गई बारिश का आंकड़ा देखा जा सकता है।
फरवरी में भी काफी प्रभावी पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत में आते हैं, जिनसे व्यापक रूप में बारिश और बर्फबारी देखने को मिलती है। लेकिन इस साल आने वाले पश्चिमी विक्षोभ काफी कमज़ोर हैं जिसके चलते उम्मीद और सामान्य से कम हिमपात फरवरी में हो रहा है।
फरवरी में बारिश और बर्फबारी में कमी पहाड़ी क्षेत्रों के लिए चिंता का विषय है। अच्छी बर्फबारी से पर्वतीय क्षेत्रों में पानी की जरूरतें पूरी करने में मदद मिलती है। सीज़न के आखिर में होने वाली बारिश और बर्फबारी से हिमालयी राज्यों में पानी का संरक्षण किया जाता जाता है जो कृषि सहित तमाम आवश्यकताओं में काम आता है।
वर्तमान समय में एक पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत के पहाड़ों पर है। इसका प्रभाव 14 फरवरी की दोपहर तक बना रहेगा। लेकिन यह सिस्टम भी बहुत सक्रिय नहीं है जिससे कुछ ही इलाकों को यह प्रभावित करने वाला है यानि जम्मू कश्मीर के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बारिश और बर्फबारी 14 फरवरी तक जारी रहेगी जबकि लद्दाख, हिमाचल और उत्तराखंड में फिलहाल हल्की वर्षा या हिमपात छिटपुट जगहों पर देखने को मिलेगा।
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