चक्रवात बुलबुल के बाद क्या एक और चक्रवाती तूफान विकसित होगा और भारत के भागों को करेगा प्रभावित? इसे लेकर भारत के दोनों तटीय भागों यानि बंगाल की खाड़ी और अरब सागर के लोगों के मन में सवाल होना बड़ा लाज़िमी है। ऐसा इसलिए क्योंकि चक्रवाती तूफान का सीज़न अभी ख़त्म नहीं हुआ है।
मॉनसून की विदाई के बाद भारत में अक्तूबर से दिसम्बर के बीच मॉनसून के आने की संभावना प्रबल रहती है। इस बार भारत से मॉनसून की विदाई के बाद भारतीय उपमहद्वीप क्षेत्र पर तीन समुद्री तूफान विकसित हुए हैं। पहला 'क्यार' था जो अरब सागर में विकसित होने के बाद सोमालिया की तरफ चला गया था।
उसके बाद अरब सागर में ही लक्षद्वीप पर बना था तूफान 'महा' जिसने लंबा समय समुद्र में बिताने के बाद गुजरात पर एक कमजोर सिस्टम के रूप में दस्तक दी थी। तीसरा तूफान 'बुलबुल' बंगाल की खाड़ी में विकसित हुआ और 9 नवंबर को पश्चिम बंगाल से सटे बांग्लादेश के भागों पर इसने दस्तक दी।
तूफान बुलबुल ने भले ही भारत के मुख्य भू-भाग पर पूरी तरह से दस्तक दी लेकिन इसने ओड़ीशा के तटीय भागों और पश्चिम बंगाल के हिस्सों में भीषण बारिश दी। पूर्वोत्तर भारत के राज्यों पर अभी भी इसके चलते बारिश हो रही है।
चक्रवाती तूफान बुलबुल दक्षिण-पूर्वी एशिया में भ्रमण करने के बाद बंगाल की उत्तरी अंडमान सागर पर चक्रवाती तूफान के रूप में पहुंचा था और यह काफी प्रभावी था। जल्द ही इसने निम्न दबाव का रूप लिया और फिर डिप्रेशन बनकर 6 नवंबर को तूफान की क्षमता में आ गया था।
आपको बता दें कि तूफान बुलबुल चक्रवात 'मैटमो’ का एक हिस्सा था जो पहले दक्षिण चीन सागर में विकसित हुआ था। इसी तरह एक अन्य चक्रवात ‘नाकरी’ दक्षिण चीन सागर पर विकसित हुआ था। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार इसने कल दक्षिण-पूर्वी वियतनाम तट पर लैंडफॉल किया।
हालांकि अब यह वियतनाम, दक्षिण थाईलैंड और दक्षिण म्यांमार के मध्य भागों से होते हुए जब आगे बढ़ेगा तब तक यह कमजोर हो सकता है।
English Version: After Bulbul, Cyclone Nakri poses threat to Indian mainland, Andhra Pradesh and Odisha on alert this time
चक्रवाती तूफान 'नाकरी' 14 नवंबर तक बंगाल की खाड़ी के पूर्व मध्य भागों में एक चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र के रूप में प्रवेश करेगा। लेकिन इसके प्रभावी होकर तूफान बनने की आशंका फिलहाल नहीं है।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक इस मौसमी सिस्टम के चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र के रूप में ही आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु के तटीय भागों को प्रभावित करने की संभावना है। इन राज्यों में उत्तर-पूर्वी मॉनसून 14 से 16 नवंबर के बीच सक्रिय हो जाएगा और बारिश की गतिविधियां बढ़ जाएंगी।
Image Credit: Daily Times
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