उत्तर पश्चिमी कृषि प्रधान राज्य पंजाब में लंबे समय से चल रहे शुष्क मौसम के बाद आज यानि 18 अक्टूबर को राज्य के अलग-अलग स्थानों पर गरज के साथ बारिश की गतिविधियों देखी जाएगी। राज्य के अमृतसर और उससे सटे आसपास के क्षेत्रों में तो पहले से ही बारिश शुरू हो चुकी है। यह इस सीज़न का पहला सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ है जो पश्चिमी हिमालय के भागों पर विकसित हुआ है।
पंजाब के उत्तरी हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश के साथ एक-दो स्थानों पर तीव्र बारिश देखी जाएगी। जबकि राज्य के बाकी जिलों में भी हल्की बारिश हो सकती है। चूंकि, यह पश्चिमी विक्षोभ बहुत मजबूत नहीं है, इसलिए बारिश कल यानि 19 अक्टूबर तक कम हो जाएगी। हालांकि, कल यानि 19 अक्टूबर को भी एक-दो जगहों पर बारिश संभव है। जिसके बाद, 20 अक्टूबर से मौसम एक बार फिर से शुष्क हो जाएगा।
पंजाब में एक और पश्चिमी विक्षोभ 23 और 25 अक्टूबर के बीच आसपास विकसित होने की संभावना है। उस दौरान पंजाब में फिर से हल्की बारिश की गतिविधियां देखी जा सकती है।
पंजाब में मॉनसून की वापसी के बाद या तो पश्चिमी विक्षोभ या फिर उससे प्रेरित चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र के कारण बारिश होती है। जो मौसमी सिस्टम पंजाब और हरियाणा के हिस्सों में विकसित होती है।
पंजाब में लगभग सभी सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के कारण गरज के साथ-साथ बारिश और न्यूनतम तापमान में बदलाव देखने को मिलते हैं। इस प्रणाली के दौरान न्यूनतम तापमान में वृद्धि होती है और उनके पारित होने के बाद न्यूनतम तापमान गिरना शुरू हो जाता है क्योंकि उत्तर पश्चिमी दिशा से हवाएँ बहने लगती हैं जो शुष्क और ठंडी होती हैं।
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अब, आने वाले दिनों में पंजाब में बारिश की गतिविधियों में धीरे-धीरे वृद्धि होगी क्योंकि आगामी पश्चिमी विक्षोभ अधिक तीव्र होगा और कम अक्षांशों में यात्रा शुरू करेगा। यह बारिश पंजाब, हरियाणा, उत्तरी राजस्थान और दिल्ली सहित उत्तरी मैदानी इलाकों को प्रभावित करना शुरू कर देगी।
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