दक्षिण-पश्चिम मॉनसून का प्रदर्शन अब तक कमोबेस बेहतर रहा है। सामान्य से 4% अधिक मॉनसून वर्षा के साथ जून सम्पन्न हुआ। पश्चिमी तटों पर, मध्य भारत और पूर्वोत्तर भारत में जून में अच्छी बारिश हुई। विशेष रूप से जून के आखिरी सप्ताह में अच्छी वर्षा के चलते जून का औसत बारिश का आंकड़ा सामान्य से ऊपर बना रहा।
स्काइमेट ने अपने दीर्घावधि मॉनसून पूर्वानुमान में जून में 102% बारिश की संभावना जताई थी और इसके आसपास 104% वर्षा रिकॉर्ड की गई। मॉनसून बारिश की शुरुआत 1 जून से होती है और 30 सितंबर तक होने वाली बारिश मॉनसून बारिश के तौर पर समझी जाती है। इस वर्ष 1 जून से 30 जून तक 169.8 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई जो औसत 163.6 मिलीमीटर से 4 प्रतिशत अधिक है।
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जुलाई में भी अब तक मॉनसून ने अच्छी बारिश दी है जिससे 6 जुलाई तक बारिश का आंकड़ा सामान्य से 4% ऊपर ही बना रहा। 2 से 4 जुलाई के बीच देश के कई भागों में हुई अच्छी वर्षा के चलते 4 जुलाई तक आंकड़ा सामान्य से 6% ऊपर पहुँच गया था। हालांकि जुलाई के आने वाले दिनों में मॉनसून का प्रदर्शन अब धीरे-धीरे कमजोर होगा जिससे बारिश के आंकड़ों में गिरावट आने की संभावना है। स्काइमेट ने अपने पूर्वानुमान में जुलाई में 94 प्रतिशत वर्षा अनुमान जताया था। वर्तमान मौसमी परिदृश्य देखकर लगता है कि मॉनसून का प्रदर्शन इसी के आसपास रहने की संभावना है।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार आने वाले दिनों में बारिश मुख्यतौर पर पश्चिमी तटीय भागों औरउत्तर प्रदेशतथाबिहारसहित गंगा के मैदानी क्षेत्रों में ही देखने को मिलेगी। इन भागों में भी बारिश की तीव्रता में कमी आ सकती है।
आंतरिकमहाराष्ट्रके अधिकांश हिस्सों,तेलंगाना,आंध्र प्रदेश, आंतरिककर्नाटकऔरतमिलनाडुमें अगले 4-5 दिनों तक मॉनसून के सुस्त बने रहने की संभावना है। इस दौरानगुजरात,राजस्थानपश्चिमीहरियाणाऔर पश्चिमीमध्य प्रदेशमें भी कहीं-कहीं वर्षा देखने को मिलेगी।
मुंबईमें अगले कुछ दिनों तक बारिश ज़ोर नहीं पकड़ेगी। हालांकि कुछ स्थानों पर एक-दो बार मध्यम बारिश की संभावना बनी रहेगी। लेकिन फिर से भारी वर्षा के लिए मुंबई वालों को इंतज़ार करना होगा।
इस मौसमी परिदृश्य को मद्देनज़र रखते हुए हम कह सकते हैं कि अगले 4-5 दिनों में देशभर में बारिश का आंकड़ा 104 प्रतिशत से घटकर 100 प्रतिशत पर आ सकता है।
हालांकि मॉनसून वर्षा 11 जुलाई से फिर से ज़ोर पकड़ेगी। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों का आंकलन है कि देश के उत्तरी राज्यों और मध्य भागों में 11 जुलाई से अच्छी बारिश का दौर शुरू होगा। पश्चिमी मध्य प्रदेश, दक्षिणी राजस्थान और गुजरात में 13-14 जुलाई से कई जगहों पर मध्यम से भारी वर्षा की गतिविधियां देखने को मिलेंगी। लेकिन इस दौरान भी मध्य भारत के शेष हिस्सों और दक्षिण भारत के अधिकांश इलाकों में मॉनसून में सुधार नहीं होगा और बारिश में कमी बनी रहेगी।
Image credit: Republic Radio International
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