दक्षिण-पश्चिम मॉनसून ने देश में इस बार समय से कुछ पहले यानि 28 मई को दस्तक दी। हालांकि मॉनसून वर्षा की गिनती 1 जून से ही शुरू होती है। 1 जून से 30 सितंबर के बीच देश भर में होने वाली कुल बारिश को मॉनसून वर्षा माना जाता है।
मॉनसून के आगमन के बाद से इसकी प्रगति तेज़ी से हुई, विशेषकर दक्षिणी प्रायद्वीप और मध्य भारत में। जिन भागों में मॉनसून आ गया है, उनमें अब तक अच्छी वर्षा हुई है। स्काइमेट के अनुमानों के अनुसार 8 जून को मॉनसून ने मुंबई में दस्तक दी। अब तक महाराष्ट्र के अधिकांश भागों, दक्षिणी छत्तीसगढ़, ओड़ीशा और पश्चिम बंगाल के ज़्यादातर हिस्सों में मॉनसून आ चुका है।
इन 13 दिनों में सबसे अधिक बारिश कोंकण गोवा, तटीय कर्नाटक, केरल, नागालैंड, मणिपुर, मिज़ोरम और त्रिपुरा में देखने को मिली है। इसके अलावा तेलंगाना, महाराष्ट्र के कई इलाकों, पूर्वी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओड़ीशा, तटीय आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल में भी अच्छी वर्षा रिकॉर्ड की गई। इन सभी भागों में सामान्य से काफी अधिक बारिश दर्ज की गई है। हालांकि मॉनसून सीज़न में अच्छी बारिश वाले राज्यों असम, मेघालय और अरुणाचल प्रदेश में सामान्य से कम वर्षा रिकॉर्ड की गई है।
14 जून में सबसे अधिक मॉनसून वर्षा वाले स्थानों में वेंगुर्ला 829 मिमी, रत्नागिरी 821 मिमी, करवार 622 मिमी, मंगलुरु 386 मिमी, कोझिकोड 360 मिमी, कोची 424 मिमी, हरनई 250 मिमी और तिरुवनंतपुरम में 262 मिमी हैं। कोलकाता में 162 मिमी और दक्षिण 24 परगना में 213 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गई।
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अब मॉनसून कमजोर हुआ है जिससे देश भर में बारिश की गतिविधियां भी कम हो गई हैं। पिछले 24 घंटों के दौरान मुंबई सहित पश्चिमी तटों पर बारिश में व्यापक कमी आई। हालांकि मंगलोर, अलपुझा और कोझोकोड सहित केरल और कर्नाटक के तटीय भागों में भारी बारिश हुई है। पश्चिमी तटों पर बारिश अब कम होगी। अनुमान है की 17 जून से बारिश ज़ोर पकड़ेगी। जबकि पूर्वोत्तर राज्यों में अगले 24 से 48 घंटों तक वर्षा जारी रहने की संभावना है।
मॉनसून की हवाएँ कमजोर होने के चलते इसके आगे बढ़ने में अगले कुछ दिनों तक विराम रहेगा। संभावना है कि मॉनसून की उत्तरी सीमा मुंबई, अमरावती, कटक, मिदनापुर और बागडोगरा से आगे बढ़ने में इसे समय लगेगा। मॉनसूनी हवाओं के सुस्त होने के चलते अनुमान है कि मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश सहित देश के उत्तर-पश्चिम भारत में मॉनसून के आगमन में देरी हो सकती है।
Image credit: Mid-Day
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