साल 2019 की शुरुआत मध्य प्रदेश के लिए भले ही खराब रही हो लेकिन अब मॉनसून शिकायत का कोई मौका नहीं दे रहा है। मध्य प्रदेश पर इस समय लगभग सभी इलाकों में मॉनसून सक्रिय है और अधिकांश स्थानों पर बारिश देखने को मिल रही है।
बीते 24 घंटों के दौरान राज्य के ज्यादातर शहरों में मध्यम से भारी वर्षा रिकॉर्ड की गई है। इस दौरान खजुराहो सबसे अधिक वर्षा रिकॉर्ड करने वाला स्थान रहा, जहां 100 मिमी वर्षा दर्ज की गई। इसी तरह बेतूल में 93 मिमी, ग्वालियर में 70 मिमी, जबलपुर में 48 मिमी और भोपाल में 29 मिमी बारिश बीते 24 घंटों के दौरान रिकॉर्ड की गई है।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार मध्य प्रदेश पर मॉनसून की सक्रियता अभी बनी रहेगी जिसके कारण मध्यम से भारी वर्षा राज्य के अधिकांश इलाकों में जारी रहने की संभावना है। कुछ स्थानों पर बाढ़ जैसे हालात बन सकते हैं।
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मध्य प्रदेश के उत्तरी भागों पर बने निम्न दबाव के क्षेत्र के चलते राज्य के ज्यादातर भागों में बारिश हो रही है। इस समय यह सिस्टम कमजोर हो रहा है लेकिन बंगाल की खाड़ी के उत्तरी भागों पर एक नया निम्न दबाव का क्षेत्र विकसित हो गया है। यह सिस्टम भी पश्चिमी तथा उत्तर पश्चिमी दिशा में आगे बढ़ रहा है और ओडिशा के पास पहुंच गया है। यानी मध्य प्रदेश के काफी करीब आ चुका है यह सिस्टम राज्य में हो रही बारिश का क्रम टूटने नहीं देगा।
हमारा अनुमान है किभोपाल, इंदौर, धार, होशंगाबाद, रतलाम और आसपास के इलाकोंसहित राज्य के ज्यादातर इलाकों में अगले 24 घंटों तक मध्यम से भारी बारिश कुछ स्थानों पर देखने को मिलेगी।
नयानिम्न दबाव का क्षेत्र जैसे ही मध्य प्रदेश के ऊपर आएगा मॉनसून की सक्रियता और बढ़ जाएगी, जिससे आशंका है कि अगले तीन-चार दिनों तक पश्चिमी मध्य प्रदेश में मध्यम से भारी बारिश होगी। पश्चिमी मध्य प्रदेश के भागों में कई स्थानों पर भारी वर्षा के चलते बाढ़ की भी आशंका है। जिससे सामान्य जनजीवन अस्त व्यस्त हो सकता है।
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साल 2019 के मॉनसून में मध्य प्रदेश के कुछ इलाके ऐसे भी हैं जहां बारिश सामान्य से कम हुई है। ऐसे क्षेत्रों में आगामी बारिश के दौर से खेती के लिए फायदा होगा। लेकिन जहां कई बार भारी बारिश हुई है और बाढ़ जैसी स्थितियां पहले भी पैदा हो चुकी हैं वहां फसलों के नुकसान की भी आशंका है।
राज्य में बारिश का वितरण सही नहीं रहा है। इसका अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि पूर्वी मध्य प्रदेश में बारिश में अभी भी 3% की कमी है जबकि पश्चिमी मध्य प्रदेश में 1 जून से 24 अगस्त के बीच बारिश 32% अधिक हो चुकी है।
Image credit: MidDay
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