डिप्रेशन की वजह से मध्य भारत के अधिकांश हिस्सों में मानसून काफी सक्रिय हो गया है। मराठवाड़ा, विदर्भ और मध्य प्रदेश के अधिकांश इलाकों में भारी से बहुत भारी बारिश हुई है। गुजरात के कुछ हिस्सों में भी हल्की बारिश हुई।
हालांकि मध्य प्रदेश में, राज्य के पश्चिमी हिस्से में भी जोरदार मानसूनी बारिश दर्ज की गई। जबकि पूर्वी मध्य प्रदेश में आम तौर पर हल्की से मध्यम बारिश हुयी।
गुरुवार को सुबह 08:30 बजे से पिछले 24 घंटों के दौरान, खंडवा में 173 मिमी बारिश हुई, जबकि रायसेन में 37 मिमी, धार में 33 मिमी, नरसिंहपुर में 28 मिमी, छिंदवाड़ा में 27 मिमी, रतलाम में 21 मिमी, पंचमढ़ी में 18 मिमी, ग्वालियर में 15 मिमी, इंदौर में 13 मिमी, बेतुल में 12 मिमी, उमरिया में 12 मिमी, उज्जैन में 11 मिमी और सेनी में 5 मिमी बारिश हुई।
स्काईमेट वेदर के अनुसार डिप्रेशन, अब गहरे निम्न दबाव के क्षेत्र में तब्दील हो गया है और वर्तमान में इसकी मौजूदगी दक्षिणपश्चिम मध्य प्रदेश और आसपास के क्षेत्रों में देखी जा सकती है।
स्काईमेट वेदर के अनुसार, यह मौसम प्रणाली अब कमजोर होकर निम्न दबाव के क्षेत्र में परिवर्तित हो सकती है और यह पश्चिम-उत्तर-पश्चिम दिशा में आगे बढ़ेगी। इसके पश्चिम की ओर आगे बढ़ने के मद्देनजर, मध्यप्रदेश में बारिश अब कम हो सकती है। हालांकि, पश्चिम मध्यप्रदेश के कुछ हिस्सों, खास तौर से राज्य के दक्षिणपश्चिम इलाकों जैसे खंडवा, इंदौर, धार, उज्जैन में सामान्य बारिश होगी जबकि कुछ जगहों पर भारी बारिश हो सकती है।
दूसरी तरफ पूर्वी मध्य प्रदेश के इलाकों जैसे रीवा, सतना, सिधी, उमरिया में हल्की बारिश हो सकती है।
संभावित बारिश की वजह से राज्य में वर्षा के आंकड़ों में निश्चित तौर पर सुधार होगा। 16 अगस्त तक पश्चिम मध्य प्रदेश में 8% कम वर्षा रिकॉर्ड की गयी थी जबकि पूर्वी मध्य प्रदेश में बारिश में कमी का आंकड़ा 13% है जिसे सामान्य माना जाता है।
Image credit: India Tv
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