साल 2020 का मॉनसून बिहार के लिए आमतौर पर सामान्य रहा है। हालांकि कुछ जिले ऐसे हैं जहां बाढ़ का प्रकोप देखने को मिला, तो कुछ जिलों में सूखे का अकाल भी रहा। इन सबके अलावा बिहार के कुछ जिलों में मॉनसून का संतुलित रूप भी दिखाई दिया जिससे रुक-रुक कर होने वाली बारिश से खेती और किसानों को काफी लाभ हुआ है।
इस बीच एक निम्न दबाव का क्षेत्र बंगाल की खाड़ी में बना है। यह सिस्टम इस समय बंगाल की खाड़ी के पश्चिमी-मध्य भागों पर आंध्र प्रदेश के तटों के करीब है। इस सिस्टम के कारण बंगाल की खाड़ी से आर्द्र हवाओं का व्यापक प्रवाह नमी लेकर पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत के राज्यों पर पहुंच रहा है। इसके चलते बिहार के कुछ इलाकों में फिर से मॉनसून सक्रिय हो गया है। पूर्वी और उत्तर पूर्वी बिहार के जिलों में खासतौर पर भागलपुर, पुर्णिया, कटिहार, अररिया, रोहतास, औरंगाबाद और चंपारण में पिछले 48 घंटों में अच्छी बारिश हुई है।
बारिश की गतिविधियां तराई वाले इलाकों में और बढ़ने वाली हैं। अगले 24 से 48 घंटों के दौरान बिहार के उत्तरी भागों में व्यापक मॉनसून वर्षा होने की संभावना है। स्काइमेट का आंकलन है कि इस दौरान भागलपुर, किशनगंज, अररिया, पूर्णिया, सुपौल, मधुबनी, सीतामढ़ी, चंपारण और इन से सटे जिलों में मूसलाधार वर्षा हो सकती है। भारी बारिश के कारण इन क्षेत्रों में सामान्य जनजीवन प्रभावित हो सकता है।
वहीं इस दौरान दक्षिणी जिलों में बांका, जमुई, खगड़िया, बेगूसराय, नवादा, गया, औरंगाबाद और पटना में मौसम ज्यादा सक्रिय नहीं रहेगा। उम्मीद है कि इन क्षेत्रों में अगले 48 घंटों के दौरान यानी 14 और 15 सितंबर को बारिश में कमी रहेगी। इस दौरान इन जिलों को हल्की वर्षा से ही संतोष करना पड़ेगा। 16 सितंबर से गतिविधियां बढ़ेंगी। 16 और 17 सितंबर को दक्षिणी जिलों समेत बिहार के लगभग सभी जिलों में हल्की से मध्यम बारिश होगी। उत्तरी जिलों में उस दौरान भी भारी बारिश देखने को मिल सकती है।
वर्तमान मौसमी परिदृश्य के अनुसार बिहार के अधिकांश जिलों में आगामी चार-पांच दिनों के दौरान बारिश जारी रहेगी। गौरतलब है कि संभावित मॉनसून वर्षा के साथ बिहार के लोगों को तेज़ हवाओं और बिजली गिरने की घटनाओं का भी सामना करना पड़ सकता है। 18 से 20 सितंबर के बीच मॉनसून कमजोर हो जाएगा लेकिन दो दिनों के अंतराल के बाद 21 सितंबर से फिर से बारिश लौटेगी।
Image Credit: Jagran
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