अधिकांश उत्तर भारतीय राज्यों में 1 जून से 15 जुलाई के बीच सामान्य वर्षा हुई है। दिल्ली और लद्दाख में 23 से 25% तक बारिश की कमी है। उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा 59 फीसदी बारिश की कमी है। हालांकि, उत्तराखंड, हरियाणा और पंजाब सामान्य श्रेणी की श्रेणी में हैं, लेकिन हरियाणा में 2%, पंजाब में 6% और उत्तराखंड में 12% की कमी है।
जुलाई की शुरुआत से ही मानसून की अक्षीय रेखा देश के मध्य भाग पर बनी हुई थी, जिससे मध्य भारत में भारी से बहुत भारी बारिश हुई। हालांकि, कभी-कभी बारिश के साथ उत्तरी मैदान लगभग शुष्क होते हैं। नमी और तापमान ने उत्तरी राज्यों में असुविधा का स्तर बढ़ा दिया है। हम में से ज्यादातर लोग सोच रहे हैं कि क्या वाकई मॉनसून उत्तर भारत पहुंचा है या नहीं। अब पश्चिमी और मॉनसून की अक्षीय रेखा दूसरी दिशा में आगे बढ़ रही है, पूर्वी छोर इसका अनुसरण करेगा।
19 और 20 जुलाई तक पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बारिश तेज हो सकती है। पंजाब, हरियाणा के साथ-साथ दिल्ली एनसीआर के कुछ हिस्सों में 21 या 22 जुलाई को अच्छी बारिश हो सकती है। कम से कम अगले 4 से 5 दिनों तक उत्तर भारत में अच्छी बारिश की गतिविधियां जारी रहने की उम्मीद है। ये आगामी बारिश निश्चित रूप से तापमान को कम करेगी और बाद में गर्मी की स्थिति में भी राहत आएगी।