हिंद महासागर में इस समय इंडियन ओषन डायपोल यानी आईओडी की सकारात्मक स्थितियां देखी जा रही हैं और बाकी के बचे मॉनसून सीजन के दौरान भी यही स्थिति जारी रहने की संभावना है। आपको बता दें कि, आईओडी भारतीय उपमहाद्वीप पर मॉनसून की क्षमता को प्रभावित करता है।
समुद्र की सतही तापमान भी सामान्य से थोड़ा अधिक है। जिसके कारण, बंगाल के उत्तर और उत्तरपूर्वी खाड़ी पर एक के बाद निम्न दवाब का क्षेत्र विकसित हो। अंतिम निम्न दवाब का क्षेत्र का गठन बंगाल के उत्तरपश्चिमी खाड़ी और उससे सटे ओडिशा तट पर हुआ था। लेकिन आंतरिक भागों में प्रवेश करते ही यह बहुत जल्दी कमजोर हो गया।
यह सिस्टम अब पश्चिम दिशा की ओर आगे बढ़ गया है और मध्य भारत में स्थानांतरित कर गया है। इसके कारण ओडिशा, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और गुजरात और दक्षिण राजस्थान के कुछ और हिस्सों में व्यापक बारिश रिकॉर्ड हुई है। यहां तक कि, विदर्भ और तेलंगाना भी इस प्रणाली से प्रभावित हुए थे।
एक नया निम्न दवाब क्षेत्र 2 सितंबर के उत्तरी बंगाल की खाड़ी और उससे सटे आसपास के गंगीय पश्चिम बंगाल में बनने की संभावना है। इसके अलावा, बंगाल की उत्त्तर-पूर्वी खाड़ी पर निचले स्तर पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र देखा जा रहा है जो धीरे-धीरे और तेज होगा।
निम्न-दबाव क्षेत्र के बनने के बाद, यह सिस्टम पश्चिम-उत्तरपश्चिम दिशा की ओर बढ़ने लगेगा और उसके बाद इसके दक्षिणी बंगाल, उत्तरी ओडिशा और आसपास के झारखंड क्षेत्र में स्थानांतरित करने की संभावना है। फिर यह धीरे-धीरे दक्षिणी बिहार, उत्तरी मध्य प्रदेश और दक्षिणी उत्तर प्रदेश की ओर बढ़ेगा।
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इस दौरान, दक्षिणी बंगाल, ओडिशा, झारखंड और बाद में फिर छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में अच्छी मॉनसूनी बारिश की उम्मीद है।
Image credit: Times of India
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