बीते 4-5 दिनों से उत्तर पश्चिम भारत में कोई भी मौसमी हलचल नहीं है। यहाँ उत्तर और उत्तर पश्चिम से गर्म व शुष्क हवाएँ आ रही हैं, जिससे लोगों की परेशानी बढ़ गई है। गर्म हवाओं के चलते उत्तर-पश्चिम भारत में तापमान बढ़ने का क्रम जारी रहेगा और दिल्ली, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, राजस्थान तथा उत्तरी मध्य प्रदेश के कुछ भागों में लू चल सकती है।
इस समय अधिकांश भागों में दिन का तापमान सामान्य से 2 से 3 डिग्री अधिक दर्ज किया जा रहा है। दिल्ली के सफदरजंग में रविवार को पारा 42.5 डिग्री सेल्सियस रहा जो सामान्य से 2 डिग्री अधिक है। हिसार में भी सामान्य से 2 डिग्री अधिक 42 डिग्री सेल्सियस तापमान रेकॉर्ड किया गया। पश्चिमी उत्तर प्रदेश सबसे अधिक गर्म रहा, जहां आगरा में सामान्य से 3 डिग्री अधिक 44.5 डिग्री तापमान दर्ज किया गया, जिससे लोगों को यहाँ लू जैसे हालात का सामना करना पड़ा। बांदा और बरेली में भी सामान्य से 3 डिग्री ऊपर तापमान क्रमशः 45.6 और 43.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
राजस्थान के भी कई इलाके इस समय भीषण गर्मी से तप रहे हैं। बाड़मेर में रविवार को तापमान सामान्य से 3 डिग्री अधिक 44.8 डिग्री सेल्सियस रहा। अजमेर में इससे मामूली राहत रही, जहां 42.7 डिग्री तापमान दर्ज किया गया। स्काइमेट का अनुमान है कि इन सभी जगहों पर 1 से 2 डिग्री तक की और बढ़ोत्तरी देखने को मिल सकती है, जिससे यह इलाके एक बार फिर से लू की चपेट में आ जाएंगे। दक्षिण भारत में केरल में और पूर्वोत्तर राज्यों में मॉनसून शुरू हो चुका है, इसके चलते उत्तर पश्चिम भारत में भी आर्द्रता कुछ बढ़ रही है, जिससे इन भागों में मौसम और असहनीय हो जाएगा।
हालांकि राहत की बात ये है कि एक नया पश्चिमी विक्षोभ जम्मू कश्मीर की ओर अग्रसर होता दिखाई दे रहा है। इसके प्रभाव से उत्तर के पहाड़ों पर कल से बारिश शुरू हो जाएगी लेकिन उत्तर पश्चिम भारत के मैदानी भागों में इसका कोई भी असर 4-5 दिन बाद ही देखा जाएगा। यानि कि अगले 5 दिनों तक उत्तर भारत के लोगों को भीषण गर्मी और चिलचिलाती धूप से राहत मिलने के आसार फिलहाल नहीं हैं।
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