उत्तर भारत के पहाड़ों पर जल्द ही बर्फबारी का सिलसिला शुरू होने वाला है। पहाड़ों पर बर्फबारी मुख्यतः पश्चिमी विक्षोभों के चलते होती है। इन्हीं पश्चिमी विक्षोभों की एक लंबी शृंखला उत्तर भारत के पर्वतीय राज्यों में दिखाई देगी। इस शृंखला की पहली कड़ी 20 फरवरी को दस्तक देगी जिससे आगामी कई दिनों तक वर्षा और बर्फबारी होने की संभावना है। यह गतिविधियां जम्मू कश्मीर से लेकर हिमाचल प्रदेश, लद्दाख और उत्तराखंड तक अपेक्षित हैं।
पहले पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव 20 फरवरी से शुरू होगा और अगले दो दिनों के दौरान यानि 21-22 फरवरी तक जम्मू कश्मीर तथा हिमाचल प्रदेश समेत समूचे पहाड़ी क्षेत्रों में अधिकांश स्थानों पर वर्षा और हिमपात होगा। इस दौरान एक-दो स्थानों पर भारी बर्फबारी भी हो सकती है। 23 और 24 को मौसमी गतिविधियां कम हो जाएंगी। हालांकि इस दौरान भी पहाड़ों पर कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश होगी। एक-दो जगहों पर हिमपात भी हो सकता है। 25 फरवरी को मौसम अपेक्षाकृत साफ हो जाएगा और छिटपुट वर्षा से ज़्यादा की संभावना नहीं होगी।
अगला मौसमी सिस्टम 26 फरवरी को दस्तक देगा और पिछली कहानी मौसम फिर से दोहराएगा जब कश्मीर से लेकर उत्तराखंड तक बारिश और बर्फबारी शुरू होगी। आगामी स्पेल भी 3-4 दिनों तक चलेगा। इस बारिश और बर्फबारी से पहाड़ों पर बारिश में अब तक की कमी की भरपाई तो हो जाएगी लेकिन इससे स्थानीय लोगों के साथ-साथ सैलानियों के लिए चुनौतियाँ भी पैदा हो सकती हैं।
इस साल की सर्दियों की बारिश पहाड़ों पर कम रही है। 1 जनवरी 2021 से 18 फरवरी 2021 के बीच जम्मू कश्मीर में 42% कम, लद्दाख में सामान्य से 78% कम, हिमाचल प्रदेश में 65% कम जबकि उत्तराखंड में 50% कम वर्षा और बर्फबारी हुई है। यह पिछले 6 वर्षों में तीसरा ऐसा मौका है जब समूचे पहाड़ी राज्यों में एक साथ कम वर्षा हुई है। 2016 और 2018 में सभी राज्यों में कुल 60% कम बारिश हुई थी। दूसरी ओर 2019 में पश्चिमी हिमालयी राज्यों में सामान्य से 45% अधिक वर्षा और बर्फबारी हुई थी।
आने वाले दिनों में पहाड़ों पर इस मौसम के मैदानी इलाकों पर प्रभाव की जहां तक बात है तो पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में मुख्यतः शुष्क मौसम ही बरकरार रहेगा। इन राज्यों में मामूली बारिश से अधिक की अपेक्षा फिलहाल नहीं है। इन राज्यों के तराई क्षेत्रों में कहीं-कहीं हल्की वर्षा बादलों की गर्जना के साथ हो सकती है। आगामी शृंखला के बाद जब मौसम साफ हो जाएगा तब ठंडी हवाओं का एक झोंका देश के मैदानी भागों में आएगा और मार्च के शुरुआती दिन उम्मीद से अधिक ठंडे हो सकते हैं।
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