देश के उत्तरी क्षेत्रों के मौसम में बदलाव मुख्य रूप से पश्चिम से आने वाला मौसमी सिस्टम ही लेकर आता है, खासतौर पर सर्दियों के मौसम में, जिसे हम पश्चिमी विक्षोभ के नाम से जानते हैं। आमतौर पर अक्टूबर महीने से पश्चिमी विक्षोभ कम ऊंचाई से होकर गुजरने लगते हैं और उत्तर भारत के पर्वतीय राज्य प्रभावित होने लगते हैं। लेकिन इस साल अक्टूबर महीने में एक बार भी सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ नहीं आए। इस सीजन का पहला सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ 12 और 13 नवंबर के करीब जम्मू कश्मीर के पास पहुंचा था जिसके चलते 13 नवंबर से लेकर 15 नवंबर तक उत्तर भारत के पहाड़ी क्षेत्रों में और 15-16 नवंबर को पंजाब से लेकर उत्तर प्रदेश तक बारिश दर्ज की गई।
उसके बाद एक अन्य पश्चिमी विक्षोभ पहाड़ों पर पहुंचा लेकिन यह सिस्टम कमजोर था जिससे जम्मू कश्मीर के अलावा गिलगित, बालटिस्तान, मुजफ्फराबाद, और लद्दाख के कुछ इलाकों में बारिश देने के बाद अब पूर्वी दिशा में चला गया है। पहाड़ी और मैदानी इलाकों में ज्यादातर जगहों पर अब मौसम साफ हो गया है।
एक नया मौसमी सिस्टम यानी पश्चिमी विक्षोभ कैस्पियन सागर से उठने के बाद उत्तर भारत की तरफ आने वाला है। यह सिस्टम 22 नवंबर से उत्तर भारत के पर्वतीय क्षेत्रों को प्रभावित करेगा। इसके चलते हम उम्मीद कर रहे हैं कि जम्मू कश्मीर से लेकर गिलगित, बालटिस्तान, मुजफ्फराबाद, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड 22 से 25 नवंबर के बीच कुछ इलाकों में हल्की से मध्यम और कहीं तेज़ वर्षा व बर्फबारी की गतिविधियां देखने को मिल सकती हैं।
आगामी सिस्टम के कारण वैष्णो देवी, जम्मू, श्रीनगर, ऊधमपुर से लेकर गुलमर्ग, कुलगाम, पहलगाम, भद्रावाह समेत कई लोकप्रिय पर्यटन स्थलों पर वर्षा और हिमपात का अनुमान है। हिमाचल प्रदेश में भी ऊंचाई वाले इलाकों लाहौल स्पीति, केलोंग, चंबा, कुल्लू, किन्नौर में बर्फबारी हो सकती है। शिमला में भी हल्की बर्फबारी की संभावना रहेगी। इसके अलावा उत्तराखंड में उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, पिथौरागढ़ जैसे ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हिमपात हो सकता है और ऋषिकेश, हरिद्वार, देहारादून में बारिश देखने को मिल सकती है।
मैदानी इलाकों में पंजाब से लेकर हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान और उत्तर प्रदेश तक इसका कोई विशेष असर नहीं दिखेगा। इन भागों में हवाओं की रफ्तार कम हो जाएगी। तापमान में गिरावट का क्रम रुक जाएगा। पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्रों में आंशिक बादल छाने और गर्जना के साथ हल्की वर्षा या बूँदाबाँदी की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।
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