बंगाल की खाड़ी में पहले से बना चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र प्रभावी हो रहा है। जल्द ही यह निम्न दबाव बन जाएगा। यह निम्न दबाव इसलिए अधिक प्रभावी हो सकता है क्योंकि वियतनाम और म्यांमार की तरफ से आने वाला चक्रवाती तूफान भी बंगाल की खाड़ी में बने सिस्टम से मिल जाएगा।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार यह सिस्टम बंगाल की खाड़ी में ही पहले निम्न दबाव बनेगा उसके बाद यह डिप्रेशन भी बन सकता है। यह इस मॉनसून सीज़न का पहला डिप्रेशन होगा। यह सिस्टम उत्तर-पश्चिमी दिशा में आगे जाएगा और इसमें देश के अधिकांश भागों के मौसम को बदलने की क्षमता होगी।
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बारिश में अब महज़ 7% की कमी रह गई है। आने वाले दिनों में देश के ज़्यादातर भागों में बारिश की संभावनाओं को देखते हुए कह सकते हैं कि कमी का प्रतिशत और नीचे चला जाएगा।
आज यह सिस्टम बंगाल की खाड़ी पर ही रहेगा और पूर्वोत्तर भारत में सामान्य मॉनसून वर्षा देगा। लेकिन ओड़ीशा, पश्चिम बंगाल और उत्तरी तटीय आंध्र प्रदेश में मध्यम से भारी बारिश हो सकती है। उसके बाद जैसे ही यह ज़मीनी क्षेत्र पर आएगा, इसके प्रभाव से मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड और ओड़ीशा में बारिश बढ़ जाएगी। आज से लेकर अगले चार दिनों तक इस सिस्टम का प्रभाव मॉनसून वर्षा पर रहेगा।
इस निम्न दबाव के क्षेत्र के प्रभाव से मॉनसून की अक्षीय रेखा उत्तरी दिशा में जाएगी जिसके चलते उत्तर-पश्चिम भारत में पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी अधिकांश स्थानों पर बारिश दर्ज की जाएगी। हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भी बारिश की गतिविधियां ज़ोर पकड़ेंगी।
गुजरात और राजस्थान में इस सिस्टम का व्यापक असर होगा। गुजरात के कच्छ क्षेत्र और उत्तरी राजस्थान में कुछ स्थानों पर व्यापक वर्षा अगले तीन-चार दिनों के दौरान होने की संभावना है।
Image Credit: IndiaTVNews
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