दक्षिण-पश्चिम मॉनसून जुलाई में काफी कमजोर हो गया था, लेकिन अगस्त में बंगाल की खाड़ी के सक्रिय होने के चलते इसमें व्यापक सुधार देखने को मिला। अगस्त का 5वां सिस्टम बंगाल की खाड़ी पर विकसित हो गया है। इसके साथ एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र भी है, जो तकरीबन 25 हज़ार फुट की ऊंचाई तक जा रहा है। अगले 24 घंटों तक निम्न दबाव का क्षेत्र अपने स्थान पर ही रहेगा और गहरे निम्न दबाव का क्षेत्र बन जाएगा।
कई राज्यों में होगी भारी बारिश
गहरे निम्न दबाव में तब्दील होने के बाद यह पश्चिमी उत्तर-पश्चिमी दिशा में बढ़ते हुए पश्चिम बंगाल, उत्तरी ओडिशा, झारखंड, उत्तरी छत्तीसगढ़, उत्तर-पूर्वी मध्य प्रदेश, दक्षिणी उत्तर प्रदेश को पार करते हुए अगले 5 दिनों में पूर्वी राजस्थान तक जाएगा। इसके प्रभाव से ओडिशा और पश्चिम बंगाल में 24 से 26 अगस्त के बीच मूसलाधार वर्षा होने की संभावना है। झारखंड और छत्तीसगढ़ को यह 25 से 27 अगस्त के बीच बारिश देगा। जबकि मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश को 26 से 28 अगस्त के बीच प्रभावित करेगा। राजस्थान पर इस सिस्टम के चलते 28 और 29 अगस्त को बारिश होने की संभावना है।
आमतौर पर बंगाल की खाड़ी पर जुलाई व अगस्त महीनों में 2 या 3 निम्न दबाव के क्षेत्र विकसित होते हैं। 4 से अधिक मौसमी सिस्टमों का विकसित होना सामान्य मौसमी घटना नहीं है। ऐतिहासिक आंकड़े बताते हैं कि 4 या उससे अधिक मौसमी सिस्टम 12 वर्षों में एक बार बने हैं। लेकिन इस साल स्थितियाँ बिलकुल विपरीत हैं। जुलाई में इस साल एक भी मौसमी सिस्टम बंगाल की खाड़ी पर नहीं बना, यह भी एक अपवाद ही है।
इस मॉनसून बारिश का वितरण रहा अच्छा
अगस्त में बेहतर बारिश के चलते अब देश भर में बारिश का आंकड़ा 107% पर पहुँच गया है। और इस सप्ताह इसमें गिरावट की आशंका फिलहाल नहीं है। बल्कि आने वाले दिनों में जिस तरह की बारिश अपेक्षित है उससे इन आंकड़ों में 1-2% की और वृद्धि हो सकती है। देश में महज़ 14% क्षेत्र ऐसे हैं जहां मॉनसून वर्षा कम हुई है बाकी सभी भागों में सामान्य या सामान्य से अधिक बारिश दर्ज की गई है। मैदानी क्षेत्रों में सिर्फ पश्चिमी उत्तर प्रदेश (-21%) कम वर्षा वाला क्षेत्र बाकी हिस्सों में बारिश ऊपर ही है। हालांकि यहाँ भी इस सप्ताह जिस तरह की बारिश अपेक्षित है उससे सामान्य स्थिति आ जाएगी।
मॉनसून 2020 के अब तक के बारिश के आंकड़ों के अनुसार यह कहा जा सकता है कि बारिश और बारिश के वितरण के संदर्भ में इस साल हाल के कई वर्षों में बेहतर मॉनसून रहा है। सितंबर महीने में अगस्त जैसी बारिश की संभावना तो नहीं है लेकिन वर्तमान मौसमी परिदृश्य संकेत कर रहे हैं कि सामान्य वर्षा की राह में कोई बाधा फिलहाल नहीं है।
Image Credit: Republic Radio International
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