सितंबर की आखिरी तारीख यानि 29 सितंबर के साथ ही मॉनसून का सीज़न कल समाप्त हो गया। मॉनसून 2019 के दौरान हुए बारिश के आंकड़े सामने लाने के लिए तैयार है।
केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) का एक ऐसा डेटा सामने आया है जिसमें बताया गया है कि, इस साल जलाशयों के लिए पानी भंडारण के आंकड़ों में असामान्य बढ़ोतरी हुई है।
सीडब्लूसी द्वारा निगरानी के बाद पता चला है कि, इस सीजन में लगभग 113 जलाशयों में संग्रहीत पानी पिछले 10 वर्षों के औसत आंकड़े से बेहतर है। मॉनसून सीज़न के समाप्ति तक यानि जून से सितंबर तक 10 साल के औसत से 21 प्रतिशत अधिक पानी रखने वाले जलाशयों के साथ समाप्त हुआ है।
निगरानी किए गए जलाशयों में झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, नागालैंड, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, पंजाब और राजस्थान के जलाशय शामिल हैं।
इन 113 जलाशयों की कुल लाइव स्टोरेज क्षमता 168.77 बिलियन क्यूबिक मीटर (BCM) है और 26 सितंबर तक इनका लाइव स्टोरेज 146.2 BCM या इसको ऐसे भी कह सकते हैं कि 26 सितंबर तक इसके कुल क्षमता का 87 प्रतिशत पानी जमा था।
इसके विपरीत,पिछले साल मतलब साल 2018 में इस समय तक लाइव स्टोरेज 127.23 बीसीएम (75%) था, जबकि इस समय तक यह 10 साल का औसत 121.18 (72%) है।
संक्षेप में अगर कहें तो 13 जलाशयों में उपलब्ध जीवित भंडारण पिछले वर्ष के इसी समय का 115% था, और पिछले 10 वर्षों में औसत संग्रहण का 121% था।
तकरीबन हर क्षेत्र में, उपलब्ध संग्रहण पिछले वर्ष के संबंधित संग्रहण और 10 वर्ष के औसत से अधिक था। केवल पूर्वी क्षेत्र ऐसा था जिसमें 83% का उपलब्ध संग्रहण पिछले वर्ष के 84% से कम है। लेकिन, इसके बावजूद पिछले 10 वर्षों के 75% औसत से आगे था।
राजस्थान, ओडिशा, नागालैंड, गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक और तमिलनाडु में पूरे मौसम में अच्छी बारिश होने के कारण इस साल का भंडारण पिछले साल से अधिक हो गया।
यह आंकड़े स्पष्ट रूप से बताते हैं कि इस साल देश में कितनी बंपर बारिश हुई है और इसमें कोई संदेह नहीं है कि मॉनसून की समाप्ति इस साल भारी बारिश के साथ हुई है।
Image Credit: Deccan Herald
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