जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड सहित शिमला के अधिकांध भागों में कल यानि 17 मई को भारी बारिश के साथ-साथ असामान्य रूप से ओलावृष्टि भी देखने को मिली। इसके अलावा इन राज्यों के ऊपरी हिस्सों में भी हल्की बर्फ़बारी दर्ज की गयी।
पहले से दी गयी चेतावनी के अनुसार, पहाड़ी क्षेत्रों में अधिकांश जगहों पर हुई भारी बारिश के कारण भूस्खलन की घटनाएं देखने को मिली है।
जानकारी के अनुसार, मनाली में बड़े पैमाने पर भूस्खलन की घटनाएं सामने आयी हैं। कल यानि शुक्रवार की शाम को हुई इस घटना के कारण करीब 2000 पर्यटकों के फंसे होने की आशंका है। 600 पर्यटक के वाहनों की भी फंसे होने की खबरें आ रहीं है। बॉर्डर रोड आर्गेनाईजेशन के कर्मचारियों को रोहतंग पास के करीब रास्ते को फिर से चालू करने के लिए भेजा गया है।
कल यानि रविवार 19 मई से मौसम फिर से साफ़ होना शुरू हो जायेगा। इसके साथ ही अधिकांश पहाड़ी भागों में घटा हुआ तापमान के भी बढ़कर सामान्य तक पहुँच जाने के आसार हैं।
जनवरी की शुरुआत से ही एक के बाद एक आ रहे पश्चिमी विक्षोभों ने लगातार पश्चिमी हिमालय को प्रभावित किया है। जो कि साल के इस समय की बहुत असामान्य घटना है। मई के महीने में भी अब तक 4 बार पश्चिमी हिमालय पर सक्रीय पश्चिमी विक्षोभ देखे गए हैं।
अमूमन जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में साल के इस समय के दौरान बर्फ़बारी नहीं देखी जाती थी। हालांकि इस साल मई महीने में इन पहाड़ी राज्यों के धौलाधार तथा छोटा और बारा भंगाल इलाकों में बर्फ़बारी दर्ज की गयी है।
मौसम की स्थिति और आने वाले चुनाव को ध्यान में रखते हुए हिमाचल प्रदेश में चुनाव आयोग ने मतदाताओं के लिए बसों का इंतज़ाम किया है।
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सामान्यतः मार्च महीने तक पश्चिमी विक्षोभ की आवृत्ति और प्रभाव हिमालय के भागों पर कम हो जाता है। जबकि इस बार मई के तीसरे हफ्ते में भी पश्चिमी विक्षोभों का पश्चिमी हिमालय की ओर बढ़ना अब भी जारी है। उम्मीद है कि अब, पश्चिमी विक्षोभ कम होने लगेंगे।
हालांकि एक कम सक्रीय पश्चिमी विक्षोभ 21 मई को भी पश्चिमी हिमालय को प्रभावित क्र सकता है। लेकिन इसके कारण कोई बड़ी मौसमी हलचल देखने को नहीं मिलेगी। बेहद हल्की बारिश होने के आसार है। इसके साथ ही यह इस महीने का आखिरी सक्रीय पश्चिमी विक्षोभ भी साबित हो सकता है। हालाँकि अब भी कमजोर पश्चिमी विक्षोभ इन क्षेत्रों पर पहुंचेगा लेकिन इसके कारण भारी बारिश की कोई गतिविधियां नहीं देखने को मिलेंगी।
Image Credit: The Weather Channel, Hindustan Times
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