[Hindi] कश्मीर, हिमाचल, लद्दाख और उत्तराखंड में भारी बर्फबारी का एक और दौर

November 23, 2019 6:47 PM | Skymet Weather Team

जम्मू कश्मीर के पास एक के बाद एक पश्चिमी विक्षोभों के आने के कारण बारिश और बर्फबारी का नया दौर देखने को मिल रहा है। बीते 24 घंटों के दौरान उत्तर भारत के पहाड़ों पर व्यापक रूप में बारिश और बर्फबारी हुई है। गुलमर्ग में 18 मिलीमीटर, काजीगुंड में 26, मनाली में 30, श्रीनगर में 13, बनिहाल में 34 और धर्मशाला में 2 मिलीमीटर की बर्फबारी रिकॉर्ड की गई। निचले इलाकों में खासकर जम्मू में 3 मिलीमीटर, उना में 1, सुंदरनगर में 1 और कुल्लू में 7 मिलीमीटर बारिश और बर्फबारी रिकॉर्ड की गई। शिमला में भी कुछ स्थानों पर बारिश की गतिविधियां देखने को मिली।

जम्मू कश्मीर के पास बना पश्चिमी विक्षोभ पूर्वी दिशा में आगे बढ़ रहा है। साथ ही इसकी क्षमता में भी कमी आ रही है। इसके बावजूद जम्मू कश्मीर से लेकर लद्दाख और उत्तराखंड के उत्तरी भागों तक कई जगह पर बादल छाए रहेंगे और अनेकों स्थानों पर अगले 12 घंटों तक हल्की से मध्यम बारिश और बर्फबारी की गतिविधियां देखने को मिलेंगी। 24 नवंबर से मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा।

बर्फबारी के दौरान उत्तर भारत के पर्वतीय राज्यों में भूस्खलन और हिमस्खलन की संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता। मौसम विशेषज्ञों की मानें तो एक नया पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत के करीब आ रहा है, जो उत्तरी पाकिस्तान और इससे स्टे अफगानिस्तान पर है। उम्मीद है कि आगामी पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत के पर्वतीय राज्यों को 25 नवंबर की रात से प्रभावित करना शुरू करेगा। इसके चलते जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, लद्दाख और उत्तराखंड में अनेक स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश और बर्फबारी की गतिविधियां देखने को मिलेंगी।

मौसम विशेषज्ञों के अनुसार बारिश और बर्फबारी की संभावनाओं को देखते हुए इस बात का अनुमान है कि दिन के तापमान उत्तर के पहाड़ों पर सामान्य से नीचे बने रहेंगे जिसके चलते कड़ाके की सर्दी महसूस की जाएगी।

1 अक्टूबर से अब तक जम्मू कश्मीर में सामान्य से 129% अधिक वर्षा रिकॉर्ड की गई है। हिमाचल प्रदेश में भी सामान्य से 9% अधिक बारिश और बर्फबारी हुई है। जबकि इस दौरान उत्तराखंड में बारिश में 16% की कमी रही है। आगामी बारिश को देखते हुए इस बात का अनुमान लगाया जा रहा है कि जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में बारिश में कमी के आंकड़ों में और वृद्धि होगी जबकि उत्तराखंड में जो कमी है उसमें सुधार आएगा।

Image Credit: Magzter

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