जम्मू-कश्मीर पर बने पश्चिमी विक्षोभ के कारण, भारत के उत्तर-पश्चिमी मैदानी इलाकों में पिछले दो दिनों से कोहरे की घनी परत देखी जा रही है। वास्तव में इस कोहरे के कारण पंजाब, हरियाणा और उत्तरी राजस्थान के कुछ हिस्सों में रात के तापमान में मामूली वृद्धि हुई है।
वर्तमान में, ऊपरी वायु प्रणाली के रूप में एक सकरिए पश्चिमी विक्षोभ जम्मू और कश्मीर के उत्तरी भागों में स्थित है। इसके प्रभाव से हरियाणा और आसपास के क्षेत्र में एक हवाओं का चक्रवात विकसित हुआ है। हम उम्मीद करते हैं, दोनों सिस्टम कमजोर होकर पूर्व-उत्तर-पूर्व दिशाओं में आगे बढ़ेंगे। इस बीच, एक और पश्चिमी विक्षोभ जम्मू कश्मीर तथा एक हवाओं का चक्रवात उत्तर पश्चिमी राजस्थान पर 5 फरवरी को देखा जा सकता।
इन प्रणालियों के कारण, हवाओं की दिशा में बदलाव देखा जाएगा जो की उत्तरपश्चिमी से बादल करदक्षिण की ओर से चलने लांगेंगी। इस परिवर्तन के परिणामस्वरूप, तापमान पैटर्न में परिवर्तन होगा और उनमे वृद्धि होगी। इसके इलावा, वर्तमान कोहरे की परत धीरे-धीरे गायब हो जाएगी। इस प्रकार, 4 फरवरी को, पंजाब, हरियाणा और उत्तरी राजस्थान के कुछ हिस्सों में तेज धूप दिखाई देगी। इसके अलावा, इस अवधि के दौरान पाले की संभावना को पूरी तरह से पंजाब के उत्तरी हिस्सों जैसे कि रूपनगर, नवाशाहर, होशियारपुर के अलावा पूरी तरह से खारिज कर दिया गया है।
इसके अलावा, धीरे-धीरे आसमान में बादल बढ़ेंगे और 5 और 6 फरवरी तक पूरे क्षेत्र में तेज हवाओं के साथ गरज के साथ बारिश होगी। उत्तर पश्चिमी भारत के कई स्थानों पर 7 फरवरी तक मध्यम से भारी बारिश होगी। पंजाब और हरियाणा के कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि भी होगी।
इसके अलावा, भारी बारिश और ओलावृष्टि की गतिविधियों से सरसों, गेहूं, मटर, चने जैसी फसलों को भारी नुकसान हो सकता है जो वर्तमान में अपने बढ़ते हुए चरण में हैं। दूसरी ओर, कुछ हिस्सों में हल्की बारिश रबी फसलों के लिए एक बोनस साबित होगी।
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